भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक क्रेडिट कार्ड से व्यय 7 महीने के निचले स्तर 1.67 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है। असुरक्षित ऋण पर दबाव और परिवारों पर बढ़े कर्ज के कारण ऐसा हुआ है। जनवरी में 1.84 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
इस महीने के दौरान प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) पर लेनदेन 62,124.91 करोड़ रुपये रह गया, जो जनवरी 2025 में 69,429.40 करोड़ रुपये था। ई-कॉमर्स पर भुगतान घटकर 1.05 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो एक महीने पहले 1.15 लाख करोड़ रुपये था।
एक विश्लेषक ने कहा, ‘पिछले कुछ महीने से असुरक्षित ऋण को लेकर दबाव बढ़ा है। कुल मिलाकर परिवारों पर कर्ज बढ़ रहा है। इससे रिजर्व बैंक असहज हो रहा है। इससे कार्ड जारी करने और क्रेडिट कार्ड पर खर्च में गिरावट आ सकती है।’
विश्लेषकों के मुताबिक परिवारों पर कर्ज बढ़ने से ग्राहकों के खर्च करने के तरीके में बदलाव आया है। ट्रांसयूनियन सिबिल की एक रिपोर्ट में हाल में कहा गया है कि न्यू-टु-क्रेडिट (एनटीसी) ग्राहकों के कर्ज में उल्लेखनीय गिरावट के कारण वित्त वर्ष 2025 में अक्टूबर-सितंबर तक खुदरा ऋण की वृद्धि में सुस्ती जारी रहेगी। खपत पर आधारित ऋण योजनाओं का इस्तेमाल एनटीसी ग्राहक करते हैं, जिसमें सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की तेज गिरावट आई है।
बीएफएसआई रिसर्च केयरएज रेटिंग्स में एसोसिएट डायरेक्टर सौरभ भालेराव ने कहा, ‘क्रेडिट कार्ड जारी करने की रफ्तार और व्यय में कमी आई है और मौजूदा जीएनपीए का स्तर और कर्ज की बढ़ती लागत की वजह से कुछ दबाव है। इस महीने में व्यापक आर्थिक स्थितियां और मौसमी बदलाव जैसे कि त्योहार खत्म हो जाने की वजह से भी संभवतः क्रेडिट कार्ड से व्यय सुस्त हुआ है।’ भालेराव ने कहा कि आगे चलकर क्रेडिट कार्ड उद्योग में वृद्धि होगी, लेकिन यह धीमी गति से होने की संभावना है, क्योंकि उद्योग में प्रतिस्पर्धा तेज होने की उम्मीद है।
क्रेडिट कार्ड के प्रमुख जारीकर्ताओं के लेनदेन में भी गिरावट आई है। सबसे ज्यादा क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड से खर्च फरवरी में घटकर 46,378.18 करोड़ रुपये रह गया, जो जनवरी में 50,664.04 करोड़ रुपये था। इसी तरह से आईसीआईसीआई के कार्ड से लेनदेन घटकर 30,990.86 करोड़ रुपये रह गया, जो 35,681.6 करोड़ रुपये था। ऐक्सिस बैंक के क्रेडिट कार्ड से खर्च घटकर 18,884.27 करोड़ रुपये रह गया, जो जनवरी में 20,212.17 करोड़ रुपये था। सरकारी ऋणदाता द्वारा जारी एसबीआई कार्ड से व्यय घटकर 26,175.55 करोड़ रुपये रह गया, जो जनवरी 2025 में 28,976.68 करोड़ रुपये था।
इस बीच क्रेडिट कार्डों की संख्या बढ़कर 1,013.1 लाख हो गई, जो जनवरी 2025 के अंत में 1,089.7 लाख थी। क्रेडिट कार्ड जारी करने में एचडीएफसी बैंक सबसे आगे है, जिसके कार्डों की संख्या 236.2 लाख है। वही एसबीआई कार्ड की 206.6 लाख, आईसीआईसीआई बैंक की 181.1 लाख और ऐक्सिस बैंक के कार्डों की संख्या 147.7 लाख है।