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हर कोई चाहता है अपना निवेश सुरक्षित रखना

Last Updated- December 05, 2022 | 4:48 PM IST

म्युचुअल फंड उद्योग भारत में तेजी से बढ़ा है, इसका सबसे बड़ा कारण है लोगों में बचत एवं निवेश के प्रति रुझान।


 म्युचुअल फंड आजकल विभिन्न प्रकार के उत्पादों की पेशकश कर रहे है जिनमें मुद्रा बाजार, ऋण, इक्विटी और बैलेंस्ड फंड शामिल है। म्युचुअल फंड कंपनियों के ऐसे उत्पादों से अधिकांश निवेशकों के निवेश संबंधी जरूरतें पूरी हो जाती हैं।


बाजारों के निरंतर विकसित होने से और वित्तीय सेवा उद्योगों के उदारीकरण तथा प्रगतिशील विनिमय की वजह से म्युचुअल फंड कंपनियों द्वारा विभिन्न प्रकार के विशाखित उत्पादों के पेशकश किए जा रहे हैं। निवेशकों को निवेश के विशाखित विकल्प मिल रहे हैं।


 इसमें सुरक्षित विकल्प जैसे कि मुद्रा-बाजार फंड और जोखिम वाले विकल्पों में इक्विटी या कमोडिटी में निवेश आदि शामिल हैं। अधिकांश निवेशक प्राय: तब उलझन में होता है जब वह निवेश के जरिए अपनी पूंजी को सुरक्षित रखना चाहता है। वैसी परिस्थितियों में वह संभावित अधिक लाभ वाले विकल्पों की तुलना में सुरक्षित निवेश के विकल्पों का तलाश करता है।


एक आम भारतीय निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने की तरफ ज्यादा ध्यान देता है। ऐसा पाया गया है कि इक्विटी और म्युचुअल फंडों में निवेश करने वालों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। निवेशकों की एक बड़ी संख्या आज भी बैंक जमा, बीमा और सरकारी योजनाओं को जोखिम-रहित निवेश का माध्यम मानती है। निवेश के ये विकल्प पूंजी को सुरक्षित रखने के लिहाज से तैयार किए गए हैं, ऊंचे लाभों के लिए नहीं।


पोर्टफोलियो निवेश सिद्धांत यह सुझाव देता है कि निवेश विभिन्न आस्ति वर्गों में विशाखित होना चाहिए। इस प्रक्रिया को आस्ति – आवंटन कहा जाता है। यह निवेशकों की जोखिम उठाने की इच्छा और सक्षमता और बाजार के जोखिम प्रोफाइल पर आधारित होता है। परेशानी तब खड़ी होती है जब निवेशक यह निर्णय नहीं कर पाते है कि एक खास आस्ति वर्ग का आपेक्षित जोखिम। प्रस्तावित प्रतिदान उनके जोखिम उठाने की क्षमता के अनुकूल है या नहीं।


 इसके परिणामस्वरूप, निवेशक या तो परंपरावादी बन जाते है या जोखिमों को अपनी क्षमताओं से अधिक आंक लेते हैं। साधारणतया, शुरूआत करने के लिए अनुशासित निवेश के लिए विशाखित उत्पादों को सफल और प्रभावी विकल्प के रूप में देखा जाता है। इसकी खासियत यह है कि इसमें विभिन्न आस्ति वर्ग के गुणधर्म मिले होते हैं। एक तरफ यह बढ़ते स्टॉक बाजार में हिस्सा लेकर फायदा देता है दूसरी तरफ अन्य आस्ति वर्ग इसे हानि से सुरक्षित रखता है।


ऐसे उत्पाद विभिन्न आस्ति वर्गों के आस्ति आरनों के सक्रिय प्रबंधन के आधार पर कार्य करते हैं। अध्ययनों से यह पाया गया है कि निवेश बेहतर रिटर्न पाने में आस्ति आवंटन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।


विशाखित उत्पाद एक विशेष विकल्प है निवेश का जिसमें विभिन्न आस्ति वर्गों के जोखिम और प्रतिफल के गुणधर्म मिश्रित होते हैं। साधारतया, एक विशाखित उत्पाद में दो मुख्य घटक होते हैं एक पूंजी सुरक्षित रखने वाला घटक और दूसरा अधिक प्रतिफल प्राप्त करने वाला घटक। सुरक्षित रखने वाले घटक को बांड्स या मुद्रा-बाजार में निवेशित किया जाता है जबकि अधिक प्रतिफल प्राप्त करने वाले घटक को इक्विटी में।


आस्ति आवंटन को इस प्रकार डिजाइन किया जाता है कि प्राथमिक निवेश को सुरक्षित रखा जाए साथ ही इक्विटी बाजार में भागीदारी भी की जाए। इससे पूंजी सुरक्षित रहती है तथा इक्विटी में निवेश का लाभ भी निवेशकों को मिलता है। हालांकि, विशाखित उत्पादों का भारतीय बाजार में शुरूआत देर से हुआ है, लेकिन इनमें तेजी से विकास हो रहा है।


म्युचुअल फंड उद्योग के नियमन में कुछ महीने पहले हुए बदलावों से कंपनियों को विभिन्न प्रकार के विशाखित उत्पादों को बाजार में लाने की अनुमति मिली है। म्युचुअल फंडों को पूंजी को सुरक्षित रखने वाले उत्पादों की पेशकश करने की अनुमति इसी दौरान मिली थी और आज बाजार में विभिन्न फंड हाउस के ऐसे कई उत्पाद मौजूद हैं। डेरिवेटिव में निवेश करने का भी उदारीकरण हुआ है। भारतीय निवेशकों के बढ़ते आय और बचतों से स्पष्ट होता है कि उनके जोखिम उठाने की क्षमता का विकास हुआ है।

First Published - March 20, 2008 | 10:38 PM IST

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