वित्त-बीमा

Economic Survey 2024: वित्तीय क्षेत्र की स्थिति बेहतर, पर ‘झटकों’ के लिए तैयार रहने की जरूरत

Economic Survey 2024: कर्ज के लिए बैंक पर निर्भरता कम हो रही है और पूंजी बाजार की भूमिका बढ़ रही है। भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है।

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भाषा   
Last Updated- July 22, 2024 | 3:09 PM IST

Economic Survey 2024: देश के वित्तीय क्षेत्र के लिए परिदृश्य उज्ज्वल है, लेकिन उसे ‘झटकों’ के लिए तैयार रहने की जरूरत है। संसद में सोमवार को पेश 2023-24 की इकनॉमिक सर्वे में यह कहा गया है। इसमें कहा गया है कि देश का वित्तीय क्षेत्र तेजी के रास्ते पर है। कर्ज के लिए बैंक पर निर्भरता कम हो रही है और पूंजी बाजार की भूमिका बढ़ रही है।

भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में यह बदलाव लंबे समय से प्रतीक्षित और स्वागतयोग्य है। इसमें कहा गया है, ‘‘हालांकि, पूंजी बाजार पर निर्भरता और उसके उपयोग की अपनी चुनौतियों भी हैं। ऐसे समय जब, भारत का वित्तीय क्षेत्र इस महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रहा है, उसे झटकों के लिए भी तैयार रहना होगा। साथ ही जरूरी हस्तक्षेप और जोखिम से बचाव को लेकर नियामकीय और सरकारी नीतियों के साथ स्वयं को तैयार करने की भी जरूरत है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘आने वाले समय में कंपनियों और बैंकों के मजबूत बही-खाते निजी निवेश को और मजबूत करेंगे। आवासीय रियल एस्टेट बाजार में सकारात्मक रुझान से संकेत मिलता है कि परिवारों के स्तर पर पूंजी निर्माण काफी बढ़ रहा है।’’

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन और उनकी टीम द्वारा तैयार इकनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि चूंकि भारत 2047 तक एक विकसित देश बनने के लक्ष्य पर आगे बढ़ रहा है, इसलिए यह जरूरी है कि वैश्विक स्तर पर वित्तीय मध्यस्थता की लागत में कमी आए।

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इकनॉमिक सर्वे के अनुसार, वित्तीय क्षेत्र को पूंजी निर्माण का समर्थन करने और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) में व्यापार, व्यवसाय और निवेश को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि उन्हें बड़े पैमाने का बनाया जा सके।

इसमें कहा गया है, ‘‘इसे सभी नागरिकों को बीमा सुरक्षा और सेवानिवृत्ति सुरक्षा प्रदान करने की भी जरूरत है। देश में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बीमा और पेंशन कोष संपत्तियों की हिस्सेदारी क्रमशः 19 प्रतिशत और पांच प्रतिशत है, जबकि अमेरिका में यह 52 प्रतिशत और 122 प्रतिशत है। वहीं ब्रिटेन में यह 112 प्रतिशत और 80 प्रतिशत है। यानी इसमें आगे सुधार की काफी गुंजाइश है।’’

इकनॉमिक सर्वे में सिफारिश की गयी है कि वित्तीय क्षेत्र की सार्वजनिक और निजी कंपनियों को ग्राहक-केंद्रित बनना होगा। इसके बिना, कोई भी आंकड़े बेमानी हैं।

First Published : July 22, 2024 | 3:09 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)