निजी क्षेत्र के देश के सबसे बड़े कर्जदाता एचडीएफसी बैंक ने वित्त वर्ष 23 में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19.5 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है। बैंक द्वारा दिया गया कुल कर्ज बढ़कर 15.07 लाख करोड़ रुपये हो गया है। घरेलू खुदरा ऋण में 21.5 प्रतिशत और वाणिज्यिक और ग्रामीण बैंकिंग ऋण में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 30 प्रतिशत वृद्धि के कारण यह संभव हो पाया है। बहरहाल पिछली तिमाही की तुलना में एचडीएफसी बैंक के कर्ज में 1.8 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इसमें सबसे दिलचस्प यह है कि एचडीएफसी में जमा में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 20 प्रतिशत और पिछली तिमाही की तुलना में 17.33 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है और यह वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में 17.33 लाख करोड़ रुपये रहा है।
इंडसइंड बैंक ने बुधवार को कहा कि उसके द्वारा दिया जाने वाला कर्ज पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19 प्रतिशत और पिछली तिमाही की तुलना में 5 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में 2.71 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वहीं दूसरी तरफ जमा में सालाना आधार पर 14 प्रतिशत और पिछली तिमाही की तुलना में 3 प्रतिशत वृद्धि हुई है और यह 3.25 लाख करोड़ रुपये है।
येस बैंक ने बुधवार को बताया कि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में उसके द्वारा दिए गए कर्ज में पिछले साल की तुलना में 12 प्रतिशत और पिछली तिमाही की तुलना में 2.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है और यह 1.96 लाख करोड़ रुपये हो गया है। बैंक इस तिमाही में बैंक ने 12,189 करोड़ रुपये कर्ज दिया है, जबकि इसके पहले की तिमाही में 12,563 करोड़ रुपये कर्ज दिया था। बैंक के जमा में इस दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि पिछली तिमाही की तुलना में 7 प्रतिशत वृद्धि हुई है और कुल जमा 2.13 लाख करोड़ रुपये रहा है। दिलचस्प है कि एचडीएफसी बैंक और येस बैंक दो ऐसे बैंक हैं, जिनकी जमा में वृद्धि उनके द्वारा दिए गए कर्ज में वृद्धि की तुलना में ज्यादा रही है।
वित्त वर्ष 23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान 5 मझोले बैंको के ऋण में सालाना आधार पर 12-26 फीसदी वृद्धि हुई है, जबकि जमा में वृद्धि कमजोर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि ऋण और जमा वृद्धि के बीच 800 आधार अंक का अंतर है। इसके अलावा अधिकांश बैंकों ने अपने चालू खाता बचत खाता (कासा) अनुपात में गिरावट दर्ज की है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर ऋण वृद्धि 22 फीसदी बढ़कर 1.57 लाख करोड़ रुपये हो गई जबकि जमा वृद्धि 12 फीसदी बढ़कर 2.08 लाख करोड़ रुपये रही। क्रमिक आधार पर ऋणदाता की अग्रिम में 6.02 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि जमा में 6.42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हालांकि, कासा अनुपात घटकर 52.50 फीसदी हो गया।
फेडरल बैंक का सालाना आधार पर अग्रिम 19 फीसदी बढ़ा और क्रमिक आधार पर 4.32 फीसदी बढ़कर 1.71 लाख करोड़ रुपये हो गया। तीसरी तिमाही में जमा में सालाना आधार पर 14.48 फीसदी की वृद्धि हुई और यह क्रमिक रूप से 6.49 फीसदी बढ़कर 2.01 लाख करोड़ रुपये हो गया। त्रिशुर के साउथ इंडियन बैंक का तीसरी तिमाही में अग्रिम सालाना आधार पर 18 फीसदी और क्रमिक आधार 3.24 फीसदी बढ़कर 70,168 करोड़ रुपये हो गया।