facebookmetapixel
Fuel Prices: तेल कंपनियों ने 1 अक्टूबर से बढ़ाए कमर्शियल LPG और ATF के दामकेंद्र ने UPS पेंशन योजना की समय सीमा बढ़ाई, सभी कर्मचारी अब नवंबर तक चुन सकते हैं विकल्पStocks to Watch: Nestle India से लेकर Lupin, ICICI Bank और Oil India तक; आज इन स्टॉक्स में दिखेगा एक्शनStock Market Today: गिफ्ट निफ्टी से सुस्त संकेत, RBI का ब्याज दर पर फैसला आज; कैसी रहेगी बाजार की चाल ?मोतीलाल ओसवाल ने अक्टूबर 2025 के लिए चुने ये 5 तगड़े स्टॉक्स, निवेशकों के पास बढ़िया मौकाइन्फोपार्क से मिलेगी केरल के प्रगति पथ को और रफ्तारGVK के उत्तराधिकारी को एआई कॉल असिस्टेंट इक्वल से उम्मीद4 में से 3 नई कंपनियों की शेयर बाजार में हुई खराब शुरुआतक्रिकेट स्पॉन्सर​शिप के मैदान में अपोलो टायर्स का बड़ा दांव, बढ़ेगा विज्ञापन खर्चई-दोपहिया का पंजीकरण पहली छमाही में 18% बढ़ा

रिजर्व बैंक ने ओवरनाइट कॉल रेट को परिचालन लक्ष्य के रूप में बरकरार रखा

केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा ‘ओवरनाइट वेटेड एवरेज कॉल रेट (डब्ल्यूएसीआर) मौद्रिक नीति का परिचालन लक्ष्य बना रहेगा

Last Updated- September 30, 2025 | 10:13 PM IST
RBI

भारतीय रिजर्व बैंक ने संशोधित नकदी प्रबंधन ढांचे के तहत मौद्रिक नीति के परिचालन लक्ष्य के रूप में ओवरनाइट वेटेड एवरेज कॉल रेट (डब्ल्यूएसीआर) को बरकरार रखा है।

केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा ‘ओवरनाइट वेटेड एवरेज कॉल रेट (डब्ल्यूएसीआर) मौद्रिक नीति का परिचालन लक्ष्य बना रहेगा। बहरहाल रिजर्व बैंक मुद्रा बाजार दरों के व्यवस्थित विकास और इसके संचरण को सुचारु करने के लिए अन्य ओवरनाइट मनी मार्केट सेग्मेंट में दरों पर नजर रखना जारी रखेगा।’

रिजर्व बैंक ने अगस्त में नकदी ढांचे को संशोधित करने के लिए एक आंतरिक कार्य समूह का गठन किया था। इसका उद्देश्य मौद्रिक नीति के प्रभावी संचरण को सुनिश्चित करने के लिए बाजार दरों को प्रमुख ब्याज दर के साथ तालमेल बिठाना है।

वर्तमान नकदी ढांचा फरवरी 2020 से लागू है। कार्यसमूह की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद 29 अगस्त, 2025 तक ईमेल के माध्यम से हितधारकों और जनता से इस पर टिप्पणियां मांगी गई थीं।

संशोधित नकदी ढांचे के तहत रिजर्व बैंक ने मौजूदा सिमेट्रिक कॉरिडोर सिस्टम को भी बरकरार रखा है, जिसमें नीतिगत रीपो दर को मध्य बिंदु पर रखा गया है।

स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (एसडीएफ) और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) क्रमशः रीपो दर से 25 आधार अंक नीचे और ऊपर बनी हुई हैं, जो कॉरिडोर के निचले और ऊपरी स्तर के रूप में काम कर रही हैं।

इसके अलावा रिजर्व बैंक, बैंकिंग व्यवस्था में नकदी का पर्याप्त स्तर बनाए रखते हुए नीतिगत रीपो दर के साथ डब्ल्यूएसीआर तालमेल बनाए रखने का लक्ष्य रखेगा और इसके लिए ढांचे में उल्लिखित सभी साधनों का उपयोग किया जाएगा।

अब रिजर्व बैंक परिचालन संबंधी बदलाव के हिस्से के रूप में कम समय के लिए नकदी प्रबंधन के मुख्य उपकरण के रूप में 14 दिन के वैरिएबल रेट रीपो (वीआरआर) और वैरिएबल रेट रिवर्स रीपो (वीआरआरआर) का इस्तेमाल बंद कर देगा। इसकी जगह प्राथमिक रूप से 7 दिन की वीआरआर और वीआरआरआर ऑपरेशन का इस्तेमाल किया जाएगा, जो ओवरनाइट से लेकर 14 दिन की विभिन्न अवधि के लिए होगा। यह नकदी की जरूरत को लेकर केंद्रीय बैंक के आकलन पर निर्भर होगा।

नकदी प्रबंधन को लेकर पारदर्शिता बढ़ाने व अनिश्चितता कम करने के लिए रिजर्व बैंक बाजार सहभागियों को कम से कम एक दिन पहले सूचना देगा, जिसमें संचालन की अवधि, इसकी मात्रा और समय के बारे में जानकारी शामिल होगी। असाधारण परिस्थितियों में रिजर्व बैंक बगैर सूचना दिए भी इस तरह के कदम उठा सकेगा।

First Published - September 30, 2025 | 10:12 PM IST

संबंधित पोस्ट