जब पूरी दुनिया में नकदी संकट और आर्थिक मंदी से ज्यादातर कंपनियो को नुकसान पहुंचा है, कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जो इस विपरीत माहौल में भी अपनी चमक बरकरार रखे हुए हैं।
ऐसे ही क्षेत्र की एक कंपनी है, पीएसएल लिमिटेड। यह कंपनी सबसे बड़ी पाइप निर्माता कंपनियों में शुमार है और अच्छे निवेश के लिहाज से उपयुक्त है। अच्छी ऑर्डर बुक की बदौलत अगले 15 महीनों में कंपनी को अच्छा राजस्व हासिल होने की संभावना दिख रही है वहीं ब्याज दरों में कटौती से इसे अपने बड़े ऋणों में भी ब्याज के बोझ से मदद मिलेगी।
पीएसएल को कई घरेलू ग्राहकों से नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। पर कुछ चिंताएं भी हैं जो इसके मूल्यांकन में दिख रही हैं, वहीं कुछ अन्य कारक भी हैं जो इसके शेयर में अच्छी बढ़त का संकेत दे रहे हैं।
संभावनाएं
भारत की ऊर्जा जरूरत बढ़ रही है और कंपनियां तेल एवं गैस खोजउत्पादन में बढ़-चढ़ कर निवेश कर रही हैं। ऐसे में परिवहन के लिए पूरक ढांचे की मांग के लिए इन संसाधनों में भी इजाफा होने की संभावना प्रबल हो गई है।
ऐसे परिवहन या ढुलाई के संदर्भ में पाइपलाइन बेहद किफायती और सुविधाजनक तरीका है। राष्ट्रीय पाइपलाइन नेटवर्क की स्थापना को लेकर भी निवेश बढ़ रहा है। जल परिवहन के लिए ढांचे पर किए जा रहे निवेश से पीएसएल जैसी पाइप निर्माता कंपनियों के लिए बड़े अवसर पैदा हो गए हैं।
इसी तरह अमेरिका और पश्चिम एशिया जैसे बाजारों में भी विकास की असीम संभावनाएं हैं। हालांकि मौजूदा वैश्विक मंदी और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से इन क्षेत्रों में निवेश की रफ्तार धीमी पड़ गई है।
विश्लेषकों का मानना है कि जब कच्चे तेल की कीमतें स्थिर हो जाएंगी तो स्थिति में काफी बदलाव आएगा और कंपनियां अपनी परियोजनाओं पर फिर काम करने के लिए आगे आएंगी।
रणनीतिक कदम
पीएसएल देश में एचएसएडब्ल्यू स्टील पाइपों के सबसे बड़े निर्माताओं में शुमार है। घरेलू बाजार में दबदबा रखने वाली इस कंपनी के कारखाने गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और राजस्थान में हैं जिनकी सामूहिक क्षमता 11 लाख टन प्रति वर्ष है।
सभी राज्यों में खपत बाजारों के नजदीक इकाइयां होने का सबसे बड़ा फायदा इसे ढुलाई लागत में कमी के रूप में होता है। विश्लेषकों का अनुमान है कि ढुलाई खर्च फिनिश्ड पाइपों की कीमत का लगभग 2-3 फीसदी होता है। खाड़ी देशों और अमेरिका में मांग पूरी करने के लिए कंपनी ने शारजाह, यूएई (75,000 टन) और अमेरिका (3,00,000 टन) में इकाइयां स्थापित की हैं।
अमेरिकी इकाई मार्च, 2009 से कामकाज शुरू कर देगी। कम्पलीट सॉल्युशन मुहैया कराने के लिए कंपनी ने भारत एवं देश से बाहर इंटिग्रेटेड पाइप कोटिंग संयंत्र स्थापित किए हैं। पाइप निर्माण और कोटिंग कारोबार की इसके राजस्व में 95 फीसदी भागीदारी है।