मेरे पोर्टफोलियो में शेयरों और म्युचुअल फंड का एक बड़ा हिस्सा है। मैं इसकी समीक्षा आपसे कराना चाहता हूं और आप मुझे बताएं कि कैसे मैं अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए इसमें सुधार कर सकता हूं।
चलिए, सबसे पहले तो आपका पोर्टफोलियो अच्छा नहीं है। बगैर रेटिंग के फंडों में निवेश, ऋण घटकों की कमी और किसी विशेष क्षेत्र पर अतिनिर्भरता आपके पोर्टफोलियो को बहुत बड़े जोखिम की ओर ले कर जा रहे हैं।
विवरण
23 म्युचुअल फंड और 36 शेयरों के साथ बड़ा पूंजी निवेश। पोर्टफोलियों में शेयरों में विकास और मूल्य का बेहतरीन मिश्रण दिखाई दे रहा है।
शेयरों में म्युचुअल फंड निवेश को शामिल करने पर पोर्टफोलियो में 367 शेयरों में निवेश किया गया है। इन शेयरों में से 96 प्रतिशत का पोर्टफोलियो में आवंटन 1 प्रतिशत से भी कम है।
23 में से 16 फंड यानी लगभग 70 प्रतिशत फंड बगैर रेटिंग के हैं। पोर्टफोलियो का 80 प्रतिशत हिस्सा सीधा-सीधा इक्विटी में निवेश किया गया है।
पोर्टफोलियो में जितने फंडों की जरूरत है, उससे कहीं ज्यादा हैं। पोर्टफोलियों में बेशक कुछ अच्छे फंड भी शामिल हैं, लेकिन उनका हिस्सा नगण्य के बराबर है। 23 में से 14 फंडों का पोर्टफोलियो में 1 प्रतिशत जितना कम आवंटन है।
पोर्टफोलियो में कुल मिलाकर बड़ी कंपनियों का खाता 80 प्रतिशत है और बाकी के मझोली और छोटी कंपनियों के शेयर हैं।
23 प्रतिशत पोर्टफोलियो अकेले रिलायंस इंडस्ट्रीज में ही निवेशित है।
पोर्टफोलियो में ऋण के घटक न के बराबर हैं। इससे जोखिम काफी बढ़ जाता है।
आपके पोर्टफोलियो काफी ज्यादा ऊर्जा क्षेत्र की ओर झुकाव लिए हुए है, पोर्टफोलियो का 40 प्रतिशत।
फंड में अव्यवस्थित अंतरालों के बाद निवेश किया गया है। इसी दौरान निश्चित अंतराल में निवेश करने के लिए कुछ नए फंड में भी निवेश किया गया है। अब हम आपके पोर्टफोलियो के हर पहलू से परिचित हो चुके हैं, तो चलिए अब देखते हैं कि आपका क्या करना चाहिए था।
तरीके
छोटे आवंटन आपके पोर्टफोलियो में कोई खास मूल्यवृध्दि नहीं करा सकता। अगर कोई फंड बेहतर प्रदर्शन करता भी है तो भी वह बेहद कम आवंटन पर असर डालेगा और इसका पोर्टफोलियो को कोई लाभ नहीं मिलेगा। आपको अपने पोर्टफोलियो का महत्त्वपूर्ण हिस्सा शेयर या फंड के लिए आवंटित होना चाहिए।
अनुमानों से बाहर निकलें और उन फंडों के साथ टिके रहें, जिन्हें कामयाबी हासिल हुई है। बेहतर रेटिंग वाले फंड में निवेश करें। निवेश करने के लिए फंड के पिछले 3-5 साल का प्रदर्शन देखें।
गुणवत्ता मात्रा से अधिक महत्त्वपूर्ण है। इतने सारे फंड में निवेश करना और उन्हें बनाए रखना काफी मुश्किल काम है, खासतौर पर जब वे खत्म होने वाले हों।
कुछ फंड में ही निवेश करें और नए फंड के मोह से दूर ही रहें। किसी नए फंड में तभी निवेश करें जब वे आपके पोर्टफोलियो को नया आयाम दें।
कुछ महत्त्वपूर्ण ऋण घटक हमेशा पोर्टफोलियो में मदद करते हैं। शेयर बाजार में मंदी के समय में ऋण महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि पोर्टफोलियो में स्वस्थ ऋण घटक बने रहें, जिनका जोखिम आप उठा सकें। आप सरकारी ऋण साधन जैसे कि बॉन्ड, सावधि जमा आदि में निवेश कर सकते हैं, लेकिन ये कर में बचत के मामले में अच्छा विकल्प नहीं हैं।
एक बार जब आप इक्विटी-डेट आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर चुके हों, तब इस आवंटन की पुन: जांच जरूर कर लें और अगर जरूरत पड़े तो अपने पोर्टफोलियो को साल में एक बार दोबारा संतुलित कर लें। जब शेयर बाजार जल्दी-जल्दी गिरे या उठे तब भी अपने पोर्टफोलियो की जांच करनी चाहिए।
फंड में निवेश करते समय निरंतरता बेहद जरूरी है। कोई भी बाजार का हमेशा सही अनुमान नहीं लगा सकता, इसलिए निरंतर और व्यवस्थित बने रहना काफी जरूरी है। अगर आप कभी समयानुसार निवेश करना चाहें तो सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (सिप) के जरिये ही करें।
शेयरों के लिए भी एसआईपी को अपनाया जा सकता है, बेशक यह म्युचुअल फंड एसआईपी की तरह आसान नहीं है। अगर आप निरंतरता के आधार पर लगातार शेयर खरीदते हैं, तो इससे आपको इस समय बाद औसत लागत निकालने में मदद कर सकता है। ध्यान रहे किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले रिसर्च या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
किसी भी निश्चित क्षेत्र, शेयर या फंड में निवेश करने की एक सीमा तय कर लें। किसी भी क्षेत्र में अधिक निवेश आपके पोर्टफोलियो को बुरी तरह से सिर्फ उसी क्षेत्र के प्रदर्शन पर निर्भर करवा सकता है।
अपने म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो का हर रोज ट्रैक करने की जरूरत नहीं है। अगर आपने अपने फंड के पूर्व प्रदर्शन को बेहतर तरीके से आंका है तो उसे अगले 6 महीनों तक के लिए आंकने की जरूरत नहीं ।
बाजार में कम समय में होने वाले उतार-चढ़ाव से परेशान न हों। अगर आप दीर्घावधि के निवेशक हैं तो मार्केट के इस रूप से टूटे नहीं।
अब जब निवेश करने की रणनीतियां स्पष्ट हो चुकी हैं तो आइए देखते हैं आप इन पर कैसे अमल कर सकते हैं:
अमल करना
सबसे पहले अपने पोर्टफोलियो का एकीकरण करें। छोटे निवेशों जैसे कि सुंदरम बीएनपी परिबा कैपेक्स आदि से बाहर निकल आएं और 5 या 4 स्टार रेटिंग वाले फंड में निवेश करें। यह मेहनत आपको सिर्फ एक बार करनी होगी। आपके निवेश के अनुसार आपके पोर्टफोलियों में 7 से 8 फंड ही बहुत होंगे।
जब आप अपने पोर्टफोलियो को एक कर रहे हों तो ध्यान रखे कि जिन फंडों में आप एक साल से अधिक समय के लिए बने हुए हैं, उनसे शुरू करें। इससे आपको कर बचाने में मदद मिलेगी।
जब बाजार में मंदी हो तब आप बाजार के स्थिर होने तक के लिए कुछ महीनों को इंतजार करें। आप चाहें तो व्यवस्थित तरीके से आंतरिक स्थानांतरण योजना जैसे कि रिलायंस इक्विटी से रिलायंस विजन में महीने भर के लिए स्थानांतरण का फायदा उठा सकते हैं। ध्यान रहे इस पर एसटीटी चार्ज किया जाता है।
आप चाहें तो डीबीएस चोला टैक्स सेवर, फ्रैंकलिन इंडिया हाई ग्रोथ कंपनीज, फिडेलिटी टैक्स एडवांटेज आदि को छोड़ सकते हैं। यह नए हैं, जिनका ट्रैक रेकॉर्ड नहीं है। ध्यान रहे कि आप बेहतर रेटिंग फंड में ही निवेश करें।
बढ़िया रेटिंग फंड्स के लिए सिप का इस्तेमाल कर सकते हैं। कुछ बेहतर प्रदर्शन वाले फंड जैसे कि रिलायंस विजन, एचडीएफसी इक्विटी, सुंदरम सेलेक्ट फोक्स या एसबीआई मैग्नम कॉन्ट्रा को चुन सकते हैं।
सीधे तौर पर इक्विटी में निवेश करना जोखिमभरा हो सकता है। जैसा कि आपके पोर्टफोलियो का एक बड़ा हिस्सा सीधे तौर पर इक्विटी में निवेशित है, अपने लिए शेयर में निवेश करने से पहले पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए।
आपके लिए जरूरी है कि आप ऊर्जा शेयरों में कमी लाएं। इसमें भी आपने सीधे शेयरों में निवेश किया हुआ है। आप हर क्षेत्र के लिए 15 से 20 प्रतिशत तक की सीमा निर्धारित कर लें। अगर आप इसे ठीक करने में समर्थ नहीं हैं, तो ऐसे में जब ऊर्जा क्षेत्र में गिरावट देखी जाएगी तब आपका पोर्टफोलियो बुरी तरह से प्रभावित होगा। अभी हालिया मंदी के चलते इस क्षेत्र को बुरी तरह से झटके लगे हैं।
आपके पोर्टफोलियो में महत्त्वपूर्ण ऋण घटकों को जोड़ने की जरूरत है। इसके लिए आप बिड़ला सन लाइफ इन्कम, कोटक फ्लैक्सी डेट या आईसीआईसीआई प्रू लॉन्ग टर्म जैसे 5 सितारा रेटिंग वाले डेट फंड को चुन सकते हैं। इससे आपके पोर्टफोलियो को आवश्यक स्थिरता भी मिलेगी। कम से कम 10 प्रतिशत ऋण आवंटन पोर्टफोलियो की दृष्टि से आदर्श स्थिति है।