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यूनियन बैंक का विदेशों में विस्तार

Last Updated- December 07, 2022 | 5:41 PM IST

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया विदेशों में विस्तार की योजना बना रहा है। बैंक के ईडी टी वाई प्रभु के मुताबिक यूनियन बैंक विदेश के पांच से दस शहरों में अपने दफ्तर खोलने की संभावना पर गौर कर रहा है।


इनमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा के अलावा अफ्रीका और पूर्वी देशों के कुछ शहर शामिल हैं। बैंक ने हाल में हांग कांग में अपनी शाखा खोली है और अगले साल शंघाई में अपने दफ्तर को शाखा में तब्दील करने जा रहा है। बैंक का कार्यालय अबू धाबी में भी है।

उन्होने बताया कि ब्याज दरों में स्थिरता आने के बाद बैंक करीब 500 करोड़ रुपए की टियर -2 की पूंजी जुटाने पर भी विचार कर रहा है। उनके मुताबिक बैंक के पास टियर-2 के लिए 3000 करोड़ तक की पूंजी जुटाने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि बैंक इस साल की दूसरी तिमाही में 20 फीसदी के क्रडिट ग्रोथ की उम्मीद रहा है।

प्रभु के मुताबिक बैंक ने हाइ नेटवर्थ ग्राहकों को वेल्थ मैनेजमेंट की सेवाएं मुहैया कराने के लिए एडलवाइस सिक्योरिटीज और वेल्थ एडवाइजर्स इंडिया के साथ करार किया है। एडलवाइस बैंक के पूर्वी और पश्चिमी ग्राहकों को सेवाएं देगा जबकि वेल्थ एडवाइजर्स उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र के ग्राहकों की सेवा करेगा। बैंक ने वेल्थ मैनेजमेंट सेवाएं फिलहाल मुंबई, नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बैंगलोर और हैदराबाद में शुरू की हैं।

बैंक को उम्मीद है कि अगले साल मार्च तक करीब 500-600 हाई नेटवर्थ ग्राहक हो जाएंगे। हाई नेटवर्थ ग्राहकों के बाजार में पकड़ बढ़ाने के लिए बैंक ने ये सेवाएं शुरू की हैं। फिलहाल बैंक के पास 25 हजार हाई नेटवर्थ ग्राहक हैं और अपने सिस्टम में किए गए बदलावों से उन्हे ये आंकड़ा कई गुना बढ़ने की उम्मीद है। आर्थिक विकास की रफ्तार और बैंक के हाईनेटवर्थ ग्राहकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ही बैंक ने इस सेवा की शुरुआत की सोची है।

बैंक के अधिकारियों के मुताबिक इस सेवा के लिए उन ग्राहकों को टारगेट किया जाएगा जो दस लाख से ऊपर की रकम जमा रखने में सक्षम रहते हैं और इसके अलावा अप्रवासी भारतीय भी इसमें शामिल किए जाएंगे जिनकी वित्तीय हालत मजबूत है और जो अच्छी खासी लिक्विडिटी बनाए रखने में सक्षम हैं। जेवी गोकल समूह की वेल्थ एजवाइजर्स के निदेशक और सीईओ महादेवन वी के मुताबिक डाइवर्सिफाइड असेट क्लास के बढ़ने से उन्हे उम्मीद है कि इस क्षेत्र में अच्छी खासी मांग आगे भी रहेगी।

First Published - August 19, 2008 | 12:25 AM IST

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