वैश्विक अनिश्चितताओं से निपटने का सबसे अच्छा तरीका अपने मुख्य बुनियादी तत्वों को मजबूत करना है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि इन बुनियादी तत्वों में महंगाई को लक्ष्य के भीतर रखने की प्रतिबद्धता, मुद्रा भंडार को कायम रखना और विवेकपूर्ण निर्णय, दूरदर्शी आर्थिक नीतियों को अपनाना शामिल है।
उन्होंने कहा कि इस दृष्टिकोण के साथ मजबूत राजकोषीय प्रबंधन शामिल करने पर उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं (ईएमई) अपनी मजबूती को कायम रख पाएंगी।
दास ने नेपाल राष्ट्र बैंक द्वारा आयोजित कार्यक्रम हिमालय शमशेर मेमोरियल में कहा, ‘सर्वश्रेष्ठ सबक यह है कि आज की अनिश्चित दुनिया में वैश्विक अनिश्चितताओं से निपटने का सबसे अच्छा रास्ता यही है कि अपने बुनियादी तत्वों को मजबूत किया जाए। इन बुनियादी तत्वों में महंगाई को लक्ष्य के भीतर रखने की प्रतिबद्धता, मुद्रा भंडार को कायम रखना और एक विवेकपूर्ण और दूरदर्शी रवैया अपनाना है। इस दृष्टिकोण के साथ विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन से ईएमई की मजबूती लंबे समय तक कायम रहेगी।’
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक हाल के वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को कई जोखिमों से बचाने में न केवल सफल रहा है बल्कि अर्थव्यवस्था इन जोखिमों से और मजबूत बनकर उभरी है।
भारत की हालिया अर्थव्यवस्था में वृहद आर्थिक तत्वों में काफी सुधार हुआ है और भंडार भी बढ़ा है। अन्य देशों के केंद्रीय बैंक जहां मौद्रिक नीति से मूल्य को स्थिर रखने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, वहीं भारतीय रिजर्व बैंक एक व्यापक लक्ष्य पर काम करता है।
मूल्य स्थिरता के अलावा, आरबीआई बैंकों, वित्तीय बाजारों और भुगतान प्रणालियों के नियामक और पर्यवेक्षक के रूप में वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। यह रिजर्व बैंक को समग्र नजरिया अपनाने का मौका देता है। इस नजरिये के कारण ही विभिन्न उद्देश्यों का समायोजन और विभिन्न साधनों का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।