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बैंक ऋण वृद्धि में आई कमी

Last Updated- December 12, 2022 | 5:18 AM IST

वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से होने वाले गंभीर आर्थिक व्यवधानों के प्रतिकूल प्रभाव के कारण वित्त वर्ष 21 के दौरान देश में बैंक के्रडिट की रफ्तार घटकर पांच प्रतिशत रह गई है, जबकि वित्त वर्ष 20 में यह 6.8 प्रतिशत थी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार उद्योग, सेवाओं और खुदरा खंड को उधार दिए जाने वाले आंकड़ों में वित्त 21 में कमी आई है। कृषि और संबद्ध खंड एकमात्र वृद्धि वाला क्षेत्र रहा, जिसमें वृद्धि वास्तव में बढ़कर 12.1 प्रतिशत हो गई, जबकि वित्त वर्ष 20 में यह 4.1 प्रतिशत थी।
वाणिज्यिक बैंक क्रेडिट 26 मार्च, 2021 को बढ़कर 97.23 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 27 मार्च, 2020 को 92.63 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 21 का आखिरी पखवाड़ा 26 मार्च, 2021 को समाप्त हुआ, जबकि पिछले साल यह मार्च 2020 को समाप्त हुआ था।
बैंकरों ने कहा कि पहली छमाही (सितंबर 2020 तक) में बहुत कमजोर प्रदर्शन के बाद क्रेडिट वृद्धि ने तीव्र आर्थिक सुधार के साथ अक्टूबर 2020 से रफ्तार पकड़ी। कोविड-19 की दूसरी लहर ने के्रडिट मांग के निकट भविष्य का दृष्टिकोण अस्पष्ट कर दिया है।
मार्च 2020 में उद्योग का क्रेडिट हल्का-सा फिसलकर 0.4 प्रतिशत रह गया, जो मार्च 2020 में 0.7 प्रतिशत था। हालांकि मझौले उद्योगों को दिए जाने वाले क्रेडिट ने मार्च 2021 में 28.8 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की, जबकि एक साल पहले 0.7 प्रतिशत का संकुचन था।
सूक्ष्म और लघु उद्योगों को दिया जाने वाला ऋण मार्च 2021 में सुस्त पड़कर 0.5 प्रतिशत रहा, जो एक साल पहले 1.7 प्रतिशत था। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि बड़े उद्योगों का क्रेडिट एक साल पहले की 0.6 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में 0.8 प्रतिशत तक कम हो गया।
मार्च में सेवा क्षेत्र की क्रेडिट वृद्धि धीमी होकर 1.4 प्रतिशत रह गई।

First Published - April 30, 2021 | 11:44 PM IST

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