आज दोपहर के कारोबार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए अब तक के निम्नतम स्तर 50.65/67 के स्तर पर आ गया। विदेशी बाजारों में डॉलर की तेजी, फंडों से पूंजी प्रवाह में गिरावट और महीने का आखिरी होने के कारण रुपया कमजोरी पड़ गया।
विदेशी मुद्रा बाजार के कारोबारियों के मुताबिक विदेशों में डॉलर में आई तेजी के कारण विदेशी बैंकों को घरेलू बाजारों में सस्ते दरों पर अमेरिकी मुद्रा की खरीददारी करने का मौका मिल गया है, जिससे डॉलर की बिक्री डिलीवरी नहीं होनेवाले वायदा कारोबारों में करके बैंकों द्वारा तुरंत मुनाफा कमाने की होड़ मची हुई है।
अंतरबैंकिंग विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रुपया आज 50.69 प्रति डॉलर के स्तर पर खुला, जिसमें कल के बंद हुए 50.46/47 प्रति डॉलर के मुकाबले 23 पैसे की कमजोरी दर्ज की गई। पिछली बार 2 दिसंबर, 2008 को रुपया कारोबारी दिन के तहत 50.60 प्रति डॉलर के निचले स्तर पर आ गया था। पिछले चार दिनों के कारोबार के तहत भारतीय रुपये में 85 पैसे की कमजोरी रही है यानी 1.71 फीसदी की गिरावट।
शेयर बाजारों में विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा बिकवाली किए जाने से भी रुपया दबाव में देखा जा रहा है। इस वर्ष के दौरान अब तक इन्होंने 1.6 अरब डॉलर का निवेश बाजार से बाहर निकाला है।
