facebookmetapixel
भारत की चीन को टक्कर देने की Rare Earth योजनानेपाल में हिंसा और तख्तापलट! यूपी-नेपाल बॉर्डर पर ट्रकों की लंबी लाइन, पर्यटक फंसे; योगी ने जारी किया अलर्टExpanding Cities: बढ़ रहा है शहरों का दायरा, 30 साल में टॉप-8 सिटी में निर्मित क्षेत्रफल बढ़कर हुआ दोगुनाबॉन्ड यील्ड में आई मजबूती, अब लोन के लिए बैंकों की ओर लौट सकती हैं कंपनियां : SBIअगस्त में Equity MF में निवेश 22% घटकर ₹33,430 करोड़ पर आया, SIP इनफ्लो भी घटाचुनाव से पहले बिहार को बड़ी सौगात: ₹7,616 करोड़ के हाईवे और रेलवे प्रोजेक्ट्स मंजूरBYD के सीनियर अधिकारी करेंगे भारत का दौरा, देश में पकड़ मजबूत करने पर नजर90% डिविडेंड + ₹644 करोड़ के नए ऑर्डर: Navratna PSU के शेयरों में तेजी, जानें रिकॉर्ड डेट और अन्य डिटेल्समद्रास HC ने EPFO सर्कुलर रद्द किया, लाखों कर्मचारियों की पेंशन बढ़ने का रास्ता साफFY26 में भारत की GDP 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 फीसदी हो सकती है: Fitch

350 अरब रु. कर्ज का पुनर्गठन

Last Updated- December 12, 2022 | 1:43 AM IST

भारत के बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक के नियामकीय पैकेज 2.0 के तहत जून, 2021 के अंत तक 35,000 करोड़ रुपये कर्ज का पुनर्गठन किया है। केयर रेटिंग्स के मुताबिक कोरोना की पहली लहर के दौरान आए नियामकीय पैकेज 1.0 के तहत 2020 में करीब 1 लाख करोड़ रुपये कर्ज का पुनर्गठन किया गया था, जिसकी तुलना में यह राशि बहुत कम है। 

रिजर्व बैंक के दोनों ढांचों (2020-21 के  पैकेज 1.0 और 2021-22 के पैकेज 2.0) में खुदरा और सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) की अहम हिस्सेदारी रही है। मार्च, 2021 से कोविड-19 महामारी के दोबारा उभार और उसके बाद इसके प्रसार के लिए उठाए गए कदमों का असर आर्थिक गतिविधियों पर पड़ा और इससे नई अनिश्चितता पैदा हुई। 
मई, 2021 में रिजर्व बैंक ने पुनर्गठन योजन पेश की, जिससे कि व्यक्तिगत उधारी लेने वालों और छोटे कारोबारियों पर दबाव कम किया जा सके। 

इस पैकेज के तहत ज्यादातर पुनर्गठन सरकारी बैंकों द्वारा किया गया है। उदाहरण के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने अप्रैल-जून, 2021 (वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही) के दौरान नियामकीय पैकेज 2.0 के तहत 5,246 करोड़ रुपये कर्ज के पुनर्गठन की मंजूरी दी है। 
कर्ज के 2,056 करोड़ रुपये के आवेजन लंबित थे। भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों ने कहा कि लंबित कर्ज (खुदरा व्यक्तिगत 1,781 करोड़ रुपये और एसएमई 275 करोड़ रुपये) पर काम चल रहा है और सितंबर, 2021 को समाप्त होने वाली दूसरी तिमाही तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। बैंकरों ने कहा कि दूसरी लहर के बाद कर्ज के पुनर्गठन का ज्यादातर काम अप्रैल-जून, 2021 तक कर लिया गया था और जुलाई-सितंबर, 2021 के दौरान कुछ और पुनर्गठन किए जाने की उम्मीद है।
इस ढांचे के तहत समाधान संभवत: 30 सितंबर, 2021 के बाद नहीं होगा। यह योजना  घोषणा के 90 दिन के भीतर लागू की जानी है। पुनर्गठन में भुगतान की तिथि नए सिरे से तय किया जाना और कर्ज के एक हिस्से को कर्ज से इक्विटी में बदलना या अन्य मार्केटेबल, नॉन कनवर्टेबल डेट स्कियोरिटीज में बदलना शामिल है। 
विधेयक के प्रावधानों के असर का हवाला देते हुए केयर रेटिंग ने कहा कि कर्ज की लागत 1.3 से 1.5 प्रतिशत के बीच रहेगी, जिसे पुनर्गठन से समर्थन मिलेगा और वित्त वर्ष 22 की दूसरी छमाही में रिकवरी संभव है। बैंकों का पर्याप्त पूंजीकरण किया गया है, जिससे वे किसी भी झटके को बर्दाश्त करने में सक्षम हैं।

First Published - August 21, 2021 | 10:00 AM IST

संबंधित पोस्ट