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रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट 30 प्रतिशत बढ़ी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 3:00 AM IST

वित्त वर्ष 2020 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बैलेंस शीट 30.02 प्रतिशत बढ़कर 533.47 लाख करोड़ रुपये हो गई है। मुख्य रूप से यह विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी की वजह से हुआ है। रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट नीतिगत कार्रवाइयों और नकदी डाले जाने के कदमों की वजह से सामान्य से बड़ी हुई है, जो कोविड-19 के कारण पडऩे वाले असर को कम करने के लिए उठाए गए हैं।
30 जून  2019 को बैलेंस सीट का आकाल 410.29 लाख करोड़ रुपये था। रिजर्व बैंक जुलाई-जून लेखा वर्ष का पालन करता है। बहरहाल चालू साल (वित्त वर्ष 21) मार्च  2021 में खत्म होगा, क्योंकि इसमें बदलाव कर अप्रैल-मार्च कैलेंडर (वित्त वर्ष 22 और उसके बाद) अपनाया गया है।
वित्त वर्ष 21 सकल कुल आय 1.5 लाख करोड़ रुपये है, जो वित्त वर्ष 19 में 1.93 लाख करोड़ रुपये थी। पिछले साल की आमदनी में आकस्मिक निधि के अतिरिक्त प्रावधान का 526.27 रुपये भी शामिल था। वित्त वर्ष 20 की सालाना रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने कहा है कि अगर पहले के साल की आमदनी से यह राशि निकाल दी जाए तो वित्त वर्ष 20 में मामूली बढ़ोतरी हुई है।
वित्त वर्ष 20 में व्यय 925.40 अरब रुपये रहा है, जिसमें आकस्मिक निधि के लिए 736.15 अरबर रुपये जोखिम प्रावधान शामिल है, जो वित्त वर्ष  19 में 170.45 अरब रुपये था। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस साल की समाप्ति 571.28 अरब रुपये अधिशेष के साथ हुई है। इसे लाभांश के रूप में केंद्र को हस्तांतरित किया गया है।
संपत्ति में वृद्धि घरेलू और विदेशी दोनों निवेश की वजह से हुआ है, जिसमें क्रमश: 18.4 प्रतिशत और 27.28 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कर्ज व अग्रिम में बढ़ोतरी 345 प्रतिशत हुई है, जबकि स्वर्ण भंडार 52.85 प्रतिशत बढ़ा है। कुल संपत्तियों मेंं घरेलू संपत्ति 28.75 प्रतिशत जबकि विदेशी मुद्रा संपत्ति और स्वर्ण (इसमें जमा सोना और भारत में में सोना शामिल है) की हिस्सेदारी कुल संपत्ति में 71.25 प्रतिशत है।

First Published : August 25, 2020 | 11:27 PM IST