facebookmetapixel
Yearender 2025: टैरिफ और वैश्विक दबाव के बीच भारत ने दिखाई ताकतक्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए जरूरी अपडेट! नए साल से होंगे कई बड़े बदलाव लागू, जानें डीटेल्सAadhaar यूजर्स के लिए सुरक्षा अपडेट! मिनटों में लगाएं बायोमेट्रिक लॉक और बचाएं पहचानFDI में नई छलांग की तैयारी, 2026 में टूट सकता है रिकॉर्ड!न्यू ईयर ईव पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर पर संकट, डिलिवरी कर्मी हड़ताल परमहत्त्वपूर्ण खनिजों पर चीन का प्रभुत्व बना हुआ: WEF रिपोर्टCorona के बाद नया खतरा! Air Pollution से फेफड़े हो रहे बर्बाद, बढ़ रहा सांस का संकटअगले 2 साल में जीवन बीमा उद्योग की वृद्धि 8-11% रहने की संभावनाबैंकिंग सेक्टर में नकदी की कमी, ऋण और जमा में अंतर बढ़ापीएनबी ने दर्ज की 2,000 करोड़ की धोखाधड़ी, आरबीआई को दी जानकारी

छोटे ऑफलाइन भुगतानों के लिए रिजर्व बैंक का खाका

Last Updated- December 11, 2022 | 10:26 PM IST

ऑफलाइन डिजिटल भुगतान की दिशा में कदम बढ़ाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को इस तरह के भुगतान का एक खाका पेश किया है। इसमें कहा गया है कि ऑफलाइन भुगतान लेन-देन की ऊपरी सीमा 200 रुपये होगी और किसी भी वक्त इस भुगतान माध्यम की कुल सीमा 2,000 रुपये होगी, जब तक कि खाते में शेष राशि की भरपाई न हो जाए।
रिजर्व बैंक ने कहा कि ऑफलाइन भुगतान किसी भी माध्यम जैसे कार्डों, वालेट्स, मोबाइल उपकरण आदि से किया जा सकता है। रिजर्व बैंक के मुताबिक ऑफलाइन भुगतान का मतलब ऐसे ट्रांजैक्शन से है, जिसमें इंटरनेट या टेलीकॉम कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं पड़ती। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘ऑफलाइन ट्रांजैक्शन से उन इलाकों में डिजिटल लेन देन को बढ़ावा मिलने की उम्ीद है, जहां इंटरनेट या टेलीकॉम कनेक्टिविटी खराब या कमजोर है, खासकर कस्बाई और ग्रामीण इलाकों में।’
पिछले साल अक्टूबर महीने में केंद्रीय बैंक ने संकेत दिए थे कि वह एक ढांचा पेश करेगा, जिसमें देश भर में छोटी राशि का ऑफलाइन डिजिटल भुगतान किया जा सकेगा। इसके लिए सितंबर 2020 और जुलाई 2021 के बीच विभिन्न इकाइयों ने प्रायोगिक परीक्षण किए थे, जिसका उत्साहजनक फीडबैक मिला था।
केंद्रीय बैंक ने अपने 6 अगस्त, 2020 के नियामकीय स्टेटमेंट में बगैर इंटरनेट के हस्तांतरण को लेकर प्रायोगिक परियोजना चलाने के अपने इरादे की घोषणा की थी। उसके बाद योजना के तहत 3 प्रायोगिक परियोजनाएं देश के विभिना्न हिस्सों में सितंबर 2020 से जून 2021 के बीच चलाई गईं, जिसमें छोटी धनराशि के लेन देन शामिल थे, जिनकी संख्या 2,41,000 और मूल्य 1.16 करोड़ रुपये था।

रिजर्व बैंक ने कहा कि ऑफलाइन भुगतान सिर्फ प्रॉक्सिमिटी (आमने सामने) के आधार पर ही किया जा सकता है और ऑफलाइन भुगतान की पेशकश बगैर एडीशनल फैक्टर आफ अथेंटिफिकेशन (एएफए) किया जा सकेगा। बहरहाल इसके उपयोग की सीमा (2000 रुपये) पार करने की अनुमति एएफए के साथ ऑनलाइन भुगगतान में ही होगी।
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि लेन-देन ऑफलाइन है, ऐसे में ग्राहकों को अलर्ट (एसएमएस या ई मेल से) एक समयावधि के बाद ही मिल सकेगा। इसके अलावा ग्राहक से विशेष सहमति मिलने के बाद ही ऑफलाइन भुगतान का तरीका सक्रिय किया जा सकेगा। कार्ड के मामले में इस तरह के लेनदेन की अनुमति संपर्करहित लेन-देन चैनल की जरूरत के बगैर हो सकती है। 

First Published - January 4, 2022 | 12:03 AM IST

संबंधित पोस्ट