भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)ने कहा है कि वह वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त तरलता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबध्द है और बाबत सभी आवश्यक कदम उठाने को लेकर प्रतिबध्द है।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन ने यहां संवाददाताओं को बताया ‘मूल रूप से शनिवार को घोषित किए गए उपायों से पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय और घरेलू परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक सभी बाजारों में पर्याप्त तरलता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबध्द है।’
उन्होंने कहा कि 16 सितंबर से अब तक रिजर्व बैंक यह सुनिश्चित करने के लिए कि देश का वित्तीय बाजार सुचारु रूप से काम करे और तंत्र में पर्याप्त तरलता उपलब्ध रहे, सतत रूप से काम करता रहा है। राकेश मोहन ने कहा कि रिजर्व बैंक का लक्ष्य कर्ज प्रवाह को सुचारू ढंग से बनाए रखने का भी है।
रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए और तरलता सुनिश्चित करने के लिए रिजर्व बैंक ने शनिवार को पंजीकृत हाउसिंग फाइनैंस कंपनियों को विदेशी बाजारों से अल्पावधि के फंड जुटाने की अनुमति प्रदान की है।
रिजर्व बैंक ने पिछले एक महीने में सीआरआर में 350 आधार अंकों और एसएलआर में 100 आधार अंकों की कमी कर बैंकिंग तंत्र में 2,70,000 करोड़ रुपए तरलता का प्रवाह किया। बैंक ने अल्पावधि की उधारी दर (रेपो दर) में भी 150 आधार अंकों की कमी कर इसे 7.5 फीसदी पर ला दिया।