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RBI गवर्नर ने दी हिदायत: बैंकों का बिज़नेस मॉडल हो बैलेंस्ड और रिस्क-फ्री

उन्होंने कहा कि इससे बैंकों का जोखिम ऐसे समय में बहुत बढ़ सकता है, जब आर्थिक तनाव हो या उद्योग में बदलाव का दौर चल रहा हो।

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- November 18, 2024 | 10:45 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज को कहा कि भारतीय बैंकों के बोर्ड को अपने बिजनेस मॉडल में किसी एक क्षेत्र पर केंद्रित होने की स्थिति को लेकर सतर्क रहना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विशिष्ट क्षेत्रों, बाजारों या ग्राहक वर्ग पर अत्यधिक निर्भरता न हो। उन्होंने कहा कि इससे बैंकों का जोखिम ऐसे समय में बहुत बढ़ सकता है, जब आर्थिक तनाव हो या उद्योग में बदलाव का दौर चल रहा हो।

दास मुंबई में आयोजित निजी क्षेत्र के बैंकों के निदेशकों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बैंकों के बोर्ड को बैंक के पोर्टफोलियो, किसी क्षेत्र पर बहुत ज्यादा केंद्रित होने की स्थिति की नियमित निगरानी में सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है जिससे संतुलित स्थिति बनाए रखने के लिए सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।

दास ने कहा, ‘बोर्डों को निरीक्षण की पारंपरित भूमिकाओं से आगे बढ़ना होगा और सक्रियता दिखाने के साथ नवाचार को बढ़ावा देना होगा। साथ ही इस समय के गतिशील वातावरण के हिसाब से स्थिरता और स्वीकार्यता सुनिश्चित करनी होगी।’

दास ने कहा कि इस समय भारत की अर्थव्यवस्था में तकनीकी उन्नयन, नए दौर की फिनटेक इकाइयों का प्रवेश, थर्ड पार्टी पर निर्भरता और वातावरण में बदलाव आ रहा है, ऐसे में बैंकों के बोर्डों को बैकों के लिए मार्गदर्शक बनने और चुनौतियों से निपटने के लिए त्वरित मार्गदर्शन करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि बैंक के बोर्डों को संभावित चुनौतियों को चिह्नित करने व उनसे निपटने के लिए अति सक्रिय तरीका अपनाने की जरूरत है, जिससे संगठन के भीतर की स्थिति के साथ बाहरी स्थितियों की साफ समझ विकसित हो सके। गवर्नर ने कहा, ‘बोर्ड को विनियामक बदलावों, बाजार के बदलते रुख, समग्र व्यापक आर्थिक परिवर्तनों और प्रौद्योगिकी में प्रगति जैसे बाहरी कारकों का लगातार आकलन करने की जरूरत है।

बोर्ड को संगठन की आंतरिक शक्तियों, कमजोरियों और परिचालन स्थितियों के बारे में भी पूरी तरह से अवगत होना चाहिए।’ उन्होंने बैंकों के निदेशक मंडल से ग्राहकों की आकांक्षा और जरूरतों को लेकर सही मायने में अपनी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने को कहा। दास ने कहा कि भरोसा बैंक का आधार है और उद्योग अपनी स्थिरता और विकास के लिए मूल रूप से जमाकर्ताओं और निवेशकों के भरोसे पर निर्भर करता है।

First Published : November 18, 2024 | 10:45 PM IST