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सितंबर तिमाही में निजी बैंकों का बाजार पूंजीकरण घटा, सरकारी बैंकों ने दिखाया बेहतर प्रदर्शन

तीसरी तिमाही में एचडीएफसी बैंक के बाजार पूंजीकरण में 4.8 फीसदी की गिरावट आई जबकि आईसीआईसीआई बैंक के बाजार पूंजीकरण में 6.7 फीसदी की नरमी दर्ज हुई

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अनुप्रेक्षा जैन   
Last Updated- October 06, 2025 | 9:50 PM IST

एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने कहा है कि जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान निजी क्षेत्र के बैंकों के बाजार पूंजीकरण में गिरावट आई है, जो सरकारी स्वामित्व वाले उनके समकक्षों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन है क्योंकि कारोबारी अनिश्चितताओं ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया है।

विश्लेषण के अनुसार, तीसरी तिमाही में एचडीएफसी बैंक के बाजार पूंजीकरण में 4.8 फीसदी की गिरावट आई जबकि आईसीआईसीआई बैंक के बाजार पूंजीकरण में 6.7 फीसदी की नरमी दर्ज हुई। आंकड़ों से पता चलता है कि कोटक महिंद्रा बैंक और ऐक्सिस बैंक जैसे अन्य निजी क्षेत्र के बैंकों के बाजार पूंजीकरण में भी पिछली तीन महीनों की तुलना में तीसरी तिमाही में गिरावट दर्ज की गई।

निजी क्षेत्र के लेनदारों ने अप्रैल-जून तिमाही में बाजार पूंजीकरण में बढ़ोतरी दर्ज की थी, जो ब्याज दरों में कटौती और बैंकिंग प्रणाली में उच्च तरलता के कारण संभव हुआ। कॉरपोरेट ऋण में अपेक्षाकृत अधिक निवेश करने वाले निजी क्षेत्र के लेनदारों का प्रदर्शन सरकारी लेनदारों की तुलना में खराब रहा। सरकारी बैंकों की खुदरा ऋण में हिस्सेदारी ज्यादा है, खासकर छोटे भारतीय शहरों में जहां कृषि उत्पादन और ग्रामीण मांग जैसे स्थानीय कारक बाहरी व्यापार से ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने से घरेलू शेयर बाजारों को भारी नुकसान हुआ है। भारत पर लगाए गए टैरिफ अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में सबसे ज्यादा टैरिफ में से एक हैं। निर्यातक नए बाजारों की तलाश में हैं जबकि व्यापार वार्ताकार अमेरिका-भारत समझौते के लिए संपर्क में हैं। भारत के निर्यात पर असर पड़ने की संभावना है, हालांकि भारत के कुछ वर्षों तक दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने की उम्मीद है।

परिसंपत्ति के लिहाज से भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने तीसरी तिमाही में अपने बाजार पूंजीकरण में 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा ने 3.9 फीसदी और पंजाब नैशनल बैंक ने 2.1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। केनरा बैंक ने 8.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। इस बीच, इंडियन बैंक ने तीसरी तिमाही में अपने बाजार पूंजीकरण में 16.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की, जो बाजार पूंजीकरण के आधार पर 20 अग्रणी भारतीय लेनदारों में सबसे अधिक है। 

दूसरी ओर, निजी क्षेत्र के लेनदार इंडसइंड बैंक का प्रदर्शन तीसरी तिमाही में सबसे खराब रहा, जिसका बाजार पूंजीकरण 15.7 फीसदी कम हुआ और वह एक पायदान नीचे 14वें स्थान पर आ गया। मुंबई स्थित इस लेनदार ने 2025 की शुरुआत में कई लेखा संबंधी खामियों का खुलासा किया था। कुल मिलाकर 20 बैंकों में से 12 ने तीसरी तिमाही में बाजार पूंजीकरण खो दिया जबकि पिछले तीन महीनों में केवल दो बैंकों ने ही बाजार पूंजीकरण खोया था।

First Published : October 6, 2025 | 9:50 PM IST