वित्त-बीमा

लखनऊ में बढ़ा डिजिटल लोन का चलन, उधार लेने वाले 64% युवा करते हैं ऑनलाइन शॉपिंग

स्टडी में सामने आया है कि 55% लोग ऑनलाइन ऋण चैनलों को पसंद करते हैं, जो डिजिटल ऋण के साथ बढ़ती सहजता का संकेत है

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- December 01, 2025 | 9:32 PM IST

नवाबों के शहर लखनऊ में अब नौजवान खरीददारी और कर्ज लेने में ऑनलाइन माध्यमों का अधिक उपयोग करते हैं। शहर के युवा मोबाइल बैंकिग का उपयोग अपने वित्तीय कार्यों के लिए अधिक से अधिक कर रहे हैं। हाल ही में कनज्यूमर फाइनेंस कंपनी होम क्रेडिट इंडिया की ओर से उपभोक्ता व्यवहार पर की जाने वाली स्टडी हाउ इंडिया बारोज के 7 वें संस्करण में खुलासा हुआ है कि लखनऊ के 64% ऋण लेने वाले ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं और मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करते हैं। यह लखनऊ के लोगों के तेजी से डिजिटल अपनाने को दर्शाता है।

लखनऊ में बढ़ा डिजिटल लोन का चलन

स्टडी में सामने आया है कि 55% लोग ऑनलाइन ऋण चैनलों को पसंद करते हैं, जो डिजिटल ऋण के साथ बढ़ती सहजता का संकेत है वहीं 54% लोग ऋण लेने से पहले ईएमआई की सामर्थ्य की जांच करते हैं, जो समझदार वित्तीय व्यवहार को दर्शाता है। स्टडी के नतीजों के मुताबिक 37% ऋण लेने वाले ऋणदाता की प्रतिष्ठा को महत्व देते हैं, जो शहर की विश्वास-आधारित क्रेडिट मानसिकता को दर्शाता है। साथ ही 51% लोग ऑनलाइन ऋणदाताओं के माध्यम से तेज, तनाव-मुक्त ऋण प्रक्रियाओं को प्राथमिकता देते हैं। लखनऊ में ऋण लेने वालों का युवा आधार शहर के डिजिटल-फर्स्ट वित्तीय आदतों की ओर रुझान को इंगित करता है।

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मोबाइल बैंकिंग से बदलती वित्तीय आदतें

लखनऊ में, ‘हाउ इंडिया बॉरोज़ 7.0’ एक युवा और डिजिटल रूप से जानकार ऋण लेने वाले समूह की तस्वीर पेश करती है जो महत्वाकांक्षा को वित्तीय विवेक के साथ संतुलित करता है। 64% ऋण लेने वालों के ऑनलाइन खरीदारी में शामिल होने और समान 64% के मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करने के साथ, शहर डिजिटल वित्तीय साधनों के मजबूत अपनाने को दर्शाता है। आधे से अधिक करीब 55% लोग ऑनलाइन ऋण चैनलों को प्राथमिकता देते हैं।

ईएमआई जांच के साथ जिम्मेदार निर्णय

अपनी युवावस्था के बावजूद, उधारकर्ता सतर्क और सूचित रहते हैं, 54% उधार लेने से पहले ईएमआई की सामर्थ्य की जांच करते हैं और 37% ऋणदाता की प्रतिष्ठा पर विचार करते हैं। डिजिटल आराम और विश्वास-आधारित निर्णय लेने का यह मिश्रण लखनऊ की उभरती हुई स्थिति को एक ऐसे शहर के रूप में उजागर करता है जहांं ऋण केवल पहुंच के बारे में नहीं है, बल्कि स्मार्ट, पारदर्शी और जिम्मेदार उपयोग के बारे में है।

होम क्रेडिट इंडिया के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर आशीष तिवारी कहते हैं, “हाउ इंडिया बोरोज़ 7.0 अध्ययन भारत की क्रेडिट संस्कृति में एक बदलाव को दर्शाता है।” जेन ज़ी, मिलेनियल्स, महिलाएं और छोटे शहर डिजिटल ऋण क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं, जो गति, सरलता और निजीकरण को महत्व देते हैं।

First Published : December 1, 2025 | 9:26 PM IST