सभी प्रमुख ब्याज दरों में हुए इजाफे के बाद पंजाब नेशनल बैंक(पीएनबी) के सभी क्षेत्रों के लोन के वितरण में कमी आ गई है।
पीएनबी ने इस माह की शुरुआत में अपने कर्ज की दरों में इजाफा कर दिया था। बैंक चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर केसी चक्रवर्ती ने बताया कि ज्यादा असर गैर होम लोन के सेक्टरों पर पड़ा है।
ज्ञातव्य है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट में 0.75 फीसदी और सीआआर में 0.5 फीसदी बढ़ोतरी किए जाने के बाद पीएनबी ने अपनी प्रमुख कर्ज की दरों को 0.5 फीसदी बढ़ाकर 13 फीसदी कर दिया था।
चक्रवर्ती ने बताया कि पीएनबी का एडवांस वित्तीय वर्ष 2008-09 में 19-20 फीसदी की दर से, जबकि जमा 17 फीसदी की दर से बढ़े हैं। वित्तीय वर्ष 2008-09 में यह दरें 23.7 फीसदी और 19 फीसदी की दर से बढ़ीं थी। उन्होंने बताया कि पीएनबी ने भूटान में अपने संयुक्त उपक्रम के जनवरी से काम प्रारंभ कर देने की संभावना जताई है।
अगर किसी कारणवश विलंब होता है भी तो 1 अप्रैल तक तो यह हर हाल में प्रारंभ हो जाएगा। इस संयुक्त उपक्रम में पीएनबी की हिस्सेदारी 51 फीसदी और शेष 49 फीसदी उसके भूटानी पार्टनर के पास होंगी। चक्रवर्ती के अनुसार अभी वे इस उपक्रम की कानूनी शर्तों को पूरा कर रहे हैं।
तिमाही के नतीजे
चक्रवर्ती को उम्मीद है कि जून की तिमाही में बैंक के मुनाफे में यथायोग्य वृध्दि होने की उम्मीद है। पीएनबी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस तिमाही में बांड से होने वाली प्राप्तियों में अचानक हुई वृध्दि के कारण बैंक का बांड पोर्टफोलियो 1.5 अरब रुपये का होगा। पीएनबी बुधवार को इस तिमाही के नतीजे घोषित करने जा रहा है।
पिछले साल बैंक ने इस तिमाही में 4.25 अरब रुपये का लाभ कमाया था। चक्रवर्ती ने स्वीकार किया कि पीएनबी के मार्जिन पर दबाव है। शुध्द ब्याज मार्जिन इस तिमाही में गिरकर 3.4 फीसदी हो गया है, यह पिछले साल की इसी तिमाही में 3.6 फीसदी था।