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देश में एक लाख रिकवरी एजेंट लेकिन ट्रेनिंग महज 25 की

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 4:01 PM IST

बैंक रिकवरी एजेंट को अनिवार्य ट्रेनिंग देने के भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) के निर्देश के प्रति गंभीर नहीं दिखाई दे रहीं हैं।


इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ बैंकिंग फाइनेंस(आईआईबीएफ) द्वारा प्रमाणित रिकवरी एजेंटों की संख्या यही बताती है। आरबीआई द्वारा इन एजेंटों की परीक्षा के लिए अधिकृत की गई इस संस्था का प्रमाणपत्र हासिल करने वाले एजेंटों की संख्या महज 25 ही है।

हालांकि इस समय सभी बैंकों के लिए कितने रिकवरी एजेंट कार्य कर रहे हैं, इसकी ठीक संख्या किसी को पता नहीं है। एक बैंक अधिकारी के अनुसार लगभग एक लाख से अधिक कार्यकारी इस समय बैंकों के लिए रिकवरी का काम कर रहे हैं।

ऐसे समय में पूरे क्षेत्र में रिकवरी की प्रक्रिया में हो रही चूकें बढ़ रहीं हैं, सभी कर्जदाता बैंकों ने इंडियन बैंक एसोसिएशन(आईबीए) और आईआईबीएफ से एजेंट ट्रेनिंग की फीस जो वर्तमान में प्रति एजेंट के लिए 6,000-8,000 के बीच है, कम करने के लिए कहा है। बैंकों की दूसरी दिक्कत यह है कि वह अपने कर्मचारियों और एजेंटों को 15 दिनों में होने वाली 100 घंटे के ट्रेनिंग के लिए काम से दूर नहीं रख सकते।

इस बारे में आईआईबीएफ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जून में संस्था ने 25 एजेंटों को अपने प्रमाण पत्र दिए। जुलाई में इनकी संख्या बढ़कर 80 हो सकती है, लेकिन इस समय बाजार में एक लाख एजेंट हैं। हालांकि इस बारे में बैंकों कहना है कि ट्रेनिंग के प्रति रुझान तेजी से बढ़ रहा है। आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एबीएन एमरो जैसे कई बैंक हैं जो रिकवरी एजेंटों को इनहाउस ट्रेनिंग दे रहे हैं।

इसके बाद वे आईआईबीएफ को पत्र लिखकर इनकी परीक्षा संचालित करने को कहेंगे। उधर, सरकारी नियंत्रित बैंक ऑफ बड़ौदा को आईबीए ने अपने एजेंटों को स्वयं ही ट्रेनिंग देने के लिए अधिकृत कर दिया है। खुद आईआईबीएफ ने पूरे देश में ट्रेनिंग कार्यक्रम को गति देने के लिए 50 एजेंसियों के साथ गठजोड़ किया है। यह ट्रेनिंग अंग्रेजी और हिंदी के साथ अब 9 भारतीय भाषाओं में दी जाएगी।

First Published : August 8, 2008 | 10:36 PM IST