आईसीआईसीआई बैंक केशेयरों में शुक्रवार को आई भारी गिरावट के बाद बैंक ने कहा है कि उसके पास तरलता की कोई कमी नहीं है।
संकट में फंसे वैश्विक बाजार में बैंक के एक्सपोजर को लेकर निवेशकों की चिंता से इसके शेयरों में भारी बिकवाली का दबाव बन गया। वित्त मंत्रालय ने भी आगे आकर बयान दिया कि बैंकों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है और आईसीआईसीआई बैंक में भी कोई समस्या नहीं है।
दरअसल आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में शुक्रवार को भारी बिकवाली का माहौल बन गया और एक समय यह करीब 28 फीसदी तक गिरकर 52 हफ्तों के सबसे निचले स्तर यानी 327 रुपए पर जा पहुंचा।
हालांकि भरोसा दिलाने की बैंक और सरकार की कसरत के बाद इसमें कुछ सुधार जरूर आया और एसएसई में यह कुल 19.86 फीसदी की गिरावट लेकर 363.65 रुपए पर बंद हुआ जबकि बीएसई में यह 19.7 फीसदी की गिरावट लेकर 364 रुपए पर बंद हुआ। पिछले एक महीने मे यह स्टॉक करीब 50 फीसदी तक गिर चुका है।
बैंक की ज्वाइंट एमडी चंदा कोचर के मुताबिक मौजूदा माहौल में बैंक के पास रुपए में पर्याप्त तरलता है। बैंक पिछले चार हफ्तों से लगातार ही इस तरह के बयान जारी कर इस गिरावट को रोकने की कोशिश कर रहा है।
कोचर ने कहा कि बैंक की विदेशी सब्सिडियरियों में करीब 120 अरब रुपए की तरलता है और बैंक ने अपने रुपए वाले फंड को विदेशों में ग्रोथ के लिए कभी इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होने कहा कि अगर लोगों को हमे लेकर कोई डर लग रहा है तो हम यह कहना चाहेंगे कि विदेशों में हमारा एक्सपोजर हमारे आकार और लाभाप्रदता को देखते हुए बहुत छोटा और मामूली है।
मालूम हो कि पिछले कुछ दिनों से बैंक को विदेशों में हुए नुकसान को लेकर आ रही खबरों के मद्देनजर बैंक की जेएमडी चंदा कोचर और सीईओ केवी कामथ 18 और 19 सितंबर को टीवी चैनलों के जरिए भी भरोसा दिला चुके हैं कि बैंक की हालत ठीक है और उसके पास पर्याप्त पूंजी है।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड के फिक्स्ड इनकम क्रेडिट एनालिसिस के हेड शंकर नारायणस्वामी के मुताबिक बैंक के कारोबार को देखते हुए ऐसा लगता है कि मनी मार्केट के डॉलर खरीदने की सबसे ज्यादा जरूरत उसे है जो इस समय बहुत कम उपलब्ध है। पिछले महीने ही रिजर्व बैंक ने एक बयान जारी कर कहा था कि आईसीआईसीआई बैंक के पास अपने जमाकर्ताओं को देने के लिए पर्याप्त पैसा है।
बैंक ने भी अपने बयान में कहा था कि अमेरिका के सब प्राइम संकट में उसकी यूके यूनिट का कोई एक्सपोजर नहीं है। लीमन के सीनियर बांड्स में 810 लाख डॉलर के उसके एक्सपोजर पर बैंक ने कहा था कि इसके लिए वह अपनी प्रोवीजनिंग 280 लाख डॉलर से बढ़ा रहा है।
हालांकि एडिसवायस कैपिटल के मुताबिक बैंक को अपने बांड कारोबार पर 20 करोड़ डॉलर का नुकसान हो सकता है जिसमें लीमन से कारोबार भी शामिल है। में रखकर बनाया गया है।