जन स्मॉल फाइनैंस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अजय कंवल | फाइल फोटो
यूनिवर्सल बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन दाखिल करने के एक दिन बाद जन स्मॉल फाइनैंस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अजय कंवल ने हर्ष कुमार के साथ फोन पर बातचीत में स्मॉल फाइनैंस बैंकों के लिए जागरूकता को प्रमुख चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि अधिकतर ग्राहक खासकर जो बड़े ग्राहक हैं वे अभी तक यह पूरी तरह नहीं समझ सके हैं कि स्मॉल फाइनैंस बैंक क्या है। जागरूकता धीरे-धीरे बढ़ रही है मगर इसमें वक्त लगता है। मुख्य अंशः
जन स्मॉल फाइनैंस बैंक ने यूनिवर्सल बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। आप इस बदलाव को कैसे देख रहे हैं और रिजर्व बैंक से कब तक हरी झंडी मिलने की उम्मीद है?
हमारा पूरा ध्यान रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित सभी विनियामक मानदंडों को पूरा करते हुए अपना आवेदन दाखिल करना है। अब सब कुछ नियामक पर निर्भर करता है। अब कब और कैसे वे तय करेंगे। हमें जो करना था हमने कर दिया है। अब हमारा ध्यान मजबूत ऋण प्रथाओं और शासन के ठोस आधार पर बैंक बनाने पर है।
स्मॉल फाइनैंस बैंक के भविष्य को आप कैसे देखते हैं? यूनिवर्सल बैंक का दर्जा मिलने पर क्या बदलाव आएगा?
मेरा मानना है कि यह पूरी तरह स्पष्ट है कि सभी स्मॉल फाइनैंस बैंक यूनिवर्सल लाइसेंस के लिए आवेदन करेंगे। इससे नए ग्राहक वर्ग तक पहुंच होती है। आज कुछ ग्राहक स्मॉल फाइनैंस बैंक पर भरोसा करने में संकोच करते हैं, क्योंकि उन्हें यह पता नहीं होता है कि यह क्या है। स्मॉल फाइनैंस बैंक अभी नया शब्द है और इसे पूरी तरह से नहीं समझा गया है। भले ही हम अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक हैं। एक बार यूनिवर्सल बैंक का दर्जा मिल जाने पर ये संकोच खत्म हो जाते हैं। जमा और ऋण लेने वाले ग्राहक हमारे साथ अधिक सहज हो जाएंगे। यह एमएसएमई और मध्य आकार की कंपनियों पर भी लागू होता है। कई यह नहीं समझ पाते हैं कि हम पहले से ही किसी अन्य बैंक की तरह उनकी सेवा कर सकते हैं। यूनिवर्सल बैंक के दर्जे के साथ धारणा बदल जाती है और जुड़ाव आसान हो जाता है।
आपको लगता है विनियामक स्मॉल फाइनैंस बैंक को और लचीलापन दे?
सच कहें तो भारतीय रिजर्व बैंक ने इस मामले में काफी सहयोग किया है। वास्तव में स्मॉल फाइनैंस बैंक को यूनिवर्सल बैंकों में तब्दील करने के लिए उन्होंने एक स्पष्ट रूपरेखा बनाई है। मगर हां बैंक बनाना कठिन काम है और इसमें वक्त लगता है। हममें से अधिकतर पहले गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां थीं, जिन्हें जमा-निकासी का कोई अनुभव नहीं था। हमें शुरू से जमा-निकासी का बुनियादी ढांचा, डिजिटल प्लेटफॉर्म, साइबर सुरक्षा और अनुपालन प्रणाली आदि तैयार करना पड़ा। मगर जागरूकता अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। अधिकतर ग्राहक, खासकर बड़े तबके के ग्राहकों को यह नहीं पता है कि स्मॉल फाइनैंस बैंक क्या है। यह स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है मगर इसमें वक्त लगता है।
आपको क्यों लगता है कि नए स्मॉल फाइनैंस बैंक के लिए आवेदक नहीं हैं?
आदर्श रूप से बैंकिंग लाइसेंस वित्तीय क्षेत्र में सर्वाधिक मांग वाला होना चाहिए। यह आपको लोगों से जमा लेने की अनुमति देता है, जो एक बड़ी जिम्मेदारी होती है और इससे शानदार अनुभव भी मिलता है। मगर कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) मूल्यांकन संबंधी चिंताओं के कारण हिचकिचा रही हैं। आमतौर पर बैंकिंग मूल्यांकन किसी एनबीएफसी मूल्यांकन से अलग होता है। इसके अलावा, डिपॉजिट फ्रैंचाइज बनाने के लिए आपको अपने मौजूदा ऋण व्यवसाय को अस्थायी रूप से धीमा करना होगा, जो कि बड़ी एनबीएफसी के लिए संभव नहीं हो सकता है। ये कारण हो सकते हैं कि हमें कई नए आवेदक क्यों नहीं मिल रहे हैं।