प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) ने गिफ्ट सिटी से काम कर रहे फंड प्रबंधकों को डिफरेंशियल वितरण अधिकारों के साथ कई श्रेणियों की यूनिट जारी करने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है। इस कदम का उद्देश्य मिली-जुली वित्तीय संरचनाओं को सक्षम बनाना है जो सामाजिक रूप से जरूरी लेकिन व्यावसायिक रूप से कम व्यवहार्य परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए रियायती या परोपकारी पूंजी को निजी निवेश के साथ जोड़ती हैं।
नियामक के परामर्श पत्र के अनुसार यह ढांचा आईएफएससीए (फंड मैनेजमेंट) रेग्युलेशंस, 2025 के तहत उद्यम पूंजी और प्रतिबंधित योजनाओं पर लागू होगा।
इसके तहत फंड प्रबंधन इकाइयोंको ‘सीनियर’ और ‘जूनियर’ श्रेणी के निवेशकों के साथ ऐसी योजनाएं तैयार करने की सुविधा मिलेगी जिनमें जोखिम और रिटर्न का स्तर अलग-अलग होता है। यह ऐसा तरीका है जिसका उपयोग विकास के वित्त पोषण में निजी भागीदारी को आकर्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्रों में आमतौर पर किया जाता है।
नियामक ने कहा कि यह प्रस्ताव विशेष रूप से यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) से जुड़ी परियोजनाओं को स्वायत्त पूंजी जुटाने में मदद करेगा। इन योजनाओं को खुलासों और निवेश सुरक्षा उपायों की शर्तों के साथ अनुदान के रूप में अपनी कुल राशि का 20 प्रतिशत तक स्वीकार करने की अनुमति होगी।
निवेशकों की सुरक्षा के लिए आईएफएससीए ने सुझाव दिया है कि कनिष्ठ या अधीनस्थ इकाइयों में भागीदारी केवल बड़े निवेशकों तक ही सीमित रखी जाए, जिसमें न्यूनतम निवेश 20 लाख डॉलर या मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए 10 लाख डॉलर हो। प्रत्येक इकाई वर्ग का स्वतंत्र मूल्यांकन और विस्तृत जोखिम बताना अनिवार्य होगा।
आईएफएससीए ने मसौदा ढांचे पर 11 नवंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। नियामक ने कहा कि इस पहल से गिफ्ट-आईएफएससी के फंड प्रबंधन तंत्र को व्यापक बनाने और इसे टिकाऊ तथा मिश्रित वित्त में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ जोड़े जाने की उम्मीद है।