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इंडसइंड बैंक करेगा अतिरिक्त प्रावधान

Last Updated- December 11, 2022 | 8:50 PM IST

निजी क्षेत्र के ऋणदाता इंडसइंड बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया है कि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी – भारत फाइनैंशियल इंक्लूजन लिमिटेड (बीएफआईएल) से संबंधित लगाए गए आरोपों के संबंध में बाहरी एजेंसी – डेलॉयट द्वारा की गई समीक्षा के निष्कर्षों के बाद वह चालू तिमाही (वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही) में अतिरिक्त प्रावधान के रूप में 13.5 करोड़ रुपये अलग रखेगा।
बैंक के निदेशक मंडल ने इस बात पर ध्यान दिया है कि समीक्षा के निष्कर्षों का संभावित प्रभाव, जिसमें आय की मान्यता और प्रावधान के लिहाज से उत्पाद कार्यान्वयन और ग्राहक सहमति की रिकॉर्डिंग रखने में चूक शामिल है, 13.5 करोड़ रुपये का था। इसके अलावा बैंक के निदेशक मंडल ने रिपोर्ट के निष्कर्षों से उत्पन्न होने वाली कर्मचारियों की जवाबदेही, अगर कोई होती है, का आकलन करने के लिए एक समिति का भी गठन किया है।
डेलॉयट द्वारा की गई समीक्षा में पाया गया है कि वह तकनीकी गड़बड़ी जिसकी वजह से ग्राहक की सहमति की रिकॉर्डिंग के बिना ऋण वितरण हुआ, वह आईटी परिवर्तन प्रबंधन और प्रक्रिया में अंतराल के परिणामस्वरूप हुई थी। और, पोर्टफोलियो, प्रावधानों की शुद्ध राशि, जहां सहमति की रिकॉर्डिंग एक मसला थी, दिसंबर, 2021 तक 8.87 करोड़ रुपये हो गई।
नवंबर 2021 में व्हिसल-ब्लोअर की एक शिकायत के बाद यह बात सामने आई थी कि भारत फाइनैंशियल इंक्लूजन ने तकनीकी गड़बड़ी के कारण मई 2021 में ग्राहकों की सहमति के बिना लगभग 84,000 ऋणों का वितरण किया था।

First Published - March 9, 2022 | 11:36 PM IST

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