विदेश में क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च पर स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) लागू होने से पहले बैंकों ने सरकार से कुछ पहलुओं पर स्थिति साफ करने को कहा है। बैंकरों के अनुसार इसमें कई पहलुओं पर उलझन है। यह बताया ही नहीं गया है कि भुगतान एक से अधिक क्रेडिट कार्ड या बैंक खातों से होता है तब क्या होगा।
इस बारे में सार्वजनिक क्षेत्र के एक बड़े बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने इस विषय पर स्थिति साफ करने की मांग की है। सरकार से जवाब आना बाकी है।’ अधिकारी ने कहा, ‘अगर लेन-देन डेबिट कार्ड से होता तो बैंक खाते से कर की रकम काट लेता। मगर यहां बात क्रेडिट कार्ड की है। ग्राहक लेन-देन करने के बाद इसे रद्द कर दे तब क्या होगा?’
यह नियम 1 जुलाई से लागू होना है। मगर घटनाक्रम की करीबी जानकारी रखने वाले एक सरकारी सूत्र ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि वित्त मंत्रालय मामले पर विचार कर रहा है। उसने बताया कि 1 जुलाई की तारीख में अभी कोई बदलाव नहीं किया गया है किंतु इसे आगे बढ़ाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। सूत्र ने यह भी कहा कि 1 जुलाई से पहले सरकार इस मसले पर स्थिति साफ कर देगी।
इस साल मई में सरकार ने कहा था कि विदेश में अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से खर्च भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की उदार संप्रेषण योजना (एलआरएस) के अंतर्गत आएंगे। एलआरएस के अंतर्गत कोई व्यक्ति आरबीआई की अनुमति के बिना एक साल में अधिकतम 2.5 लाख डॉलर रकम विदेश भेज सकता है।
वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में एलआरएस के अंतर्गत विदेश यात्रा पर हुए खर्च और देश से बाहर भेजी गई रकम (शिक्षा एवं स्वास्थ्य प्रयोजनों को छोड़कर) पर टीसीएस की दर 5 प्रतिशत से बढ़कार 20 प्रतिशत कर दी गई थी। बाद में सरकार ने स्पष्ट किया कि क्रेडिट कार्ड से विदेश में एक साल में 7 लाख रुपये तक खर्च पर टीसीएस नहीं काटा जाएगा।
बैंकरों के अनुसार कोई व्यक्ति भुगतान करने के लिए अलग-अलग बैंकों के क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकता है। उस सूरत में किसी भी बैंक को नहीं पता होगा कि उसने दूसरे क्रेडिट कार्ड से कितना खर्च कर लिया है।
एक और उलझन यह है कि बैंक खाते से लेन-देन होने पर कर अपने आप काट लिया जाएगा। मगर क्रेडिट कार्ड के मामले में रकम बड़ी हो सकती है और हो सकता है कर वसूलने लायक रकम ही क्रेडिट कार्ड में न बचे।
एक दूसरे बैंक अधिकारी ने कहा, ‘रकम बड़ी हुई तो हो सकता है क्रेडिट कार्ड में इतनी लिमिट ही न बचे कि कर काटा जा सके। दूसरी अहम बात यह है कि कोई व्यक्ति अपने बैंक खाते से 10 लाख रुपये खर्च करता है और 5 लाख रुपये क्रेडिट कार्ड से खर्च कर देता है तो दोनों खर्चों को या सभी खातों को एक साथ जोड़ने की कोई व्यवस्था ही नहीं है।’
अधिकारी ने कहा, ‘अगर 7 लाख रुपये 5 अलग-अलग क्रेडिट कार्डों से खर्च कर दिए गए तो हमें कैसे पता चलेगा।’बैंकों ने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के सामने अपनी चिंता रखी हैं और आईबीए ने इसे सरकार के समक्ष रखा है।