facebookmetapixel
35% गिर सकता है ये सरकारी Railway Stock! ब्रोकरेज का दावा, वैल्यूएशन है महंगाक्या सोने की बढ़ती कीमतें आने वाली महंगाई का संकेत दे रही हैं? एक्सपर्ट ने दिया बड़ा संकेतPhysicsWallah या Emmvee या Tenneco! किस IPO में पैसा लगाने रहेगा फायदेमंद, जान लेंPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने का आखिरी मौका, जानें GMP और ब्रोकरेज का नजरियाGold and Silver Price Today: सोना ₹1.26 लाख के पार, चांदी ₹1.64 लाख के करीब; दोनों मेटल में जोरदार तेजीएमएसएमई का सरकार से एनपीए नियमों में बड़े संशोधन का आग्रह, 90 से 180 दिन की राहत अवधि की मांगएनएफआरए में कार्य विभाजन पर विचार, सरकार तैयार कर रही नई रूपरेखाकोयले से गैस भी बनाएगी NTPCलालकिले के धमाके का असर! विदेशियों की बुकिंग पर दबाव, लेकिन उद्योग बोले– असर होगा सिर्फ कुछ दिनों काअल्ट्राटेक से अदाणी तक: रद्द खदानों पर कंपनियों को राहत, सरकार ने शुरू की अंतिम मुआवजा प्रक्रिया

भारत में अपनी शाखाएं घटाएगा डीबीएस बैंक

Last Updated- December 12, 2022 | 8:20 AM IST

सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने अपने परिचालन को तार्किक बनाने की कवायद में अगले 2-3 साल में भारत में अपनी 600 शाखाओं का नेटवर्क कम करने की योजना बनाई है। कैलेंडर साल 2020 की चौथी तिमाही में संकट में फंसे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के विलय के बाद उसे 560 से ज्यादा शाखाएं मिली थीं।
बैंक की भारत की इकाई डीबीएस बैंक इंडिया के एलवीबी के साथ विलय के बाद दिसंबर 2020 के अंत तक भारतीय परिचालन का संयुक्त जमा 9 अरब एसजीडी है और शुद्ध अग्रिम 5.6 अरब रहा है।  
2020 के परिणामों के बाद मीडिया से बातचीत में बैंक के मुख्य कार्याधिकारी पीयूष गुप्ता ने कहा, ‘क्या हमें 600 शाखाओं की जरूरत है? मुझे नहीं लगता।’ इसलिए बैंक अगले 2-3 साल में निस्संदेह इसे तार्किक बनाएगा। बहरहाल बैंक ने संकेत नहीं दिए कि कितनी शाखाओं को कम किया जाएगा।
डीबीएस बैंक इंडिया के साथ विलय के पहले एलवीबी के  तत्कालीन डायरेक्टर शक्ति सिन्हा ने कहा 563 शाखा का नेटवर्क बहुत बड़ा है और इनमें से 200 शाखाएं घाटे में चल रही हैं और करीब 100 शाखाएं अव्यावहारिक हैं। सिन्हा ने कहा था कि इन दिनों डिजिटल बैंकिंग के दौर में पूरी संभावना है कि डीबीएस बैंक इंडिया एलवीबी की शाखाओं के नेटवर्क को तार्किक बनाए।
बैंक ने कहा है कि खासकर दक्षिण भारत के 5 राज्यों के शहरों में उसकी उल्लेखनीय मौजूदगी होगी। यह डिजिटल रणनीति के तहत बहुत लाभदायक होने जा रहा है। इसने प्राय: फिजिटल शब्द का इस्तेमाल किया है, जो भौतिक नेटवर्क के साथ मजबूत डिजिटल मौजूदगी का मिश्रण है।
एकीकृत परिचालन के लाभ के बारे में बैंक को उम्मीद है कि कम जमा लागत और बेहतर मुनाफे के साथ उसके भारतीय परिचालन के शुद्ध ब्याज मुनाफे (एनआईएम) में सुधार होगा। गुप्ता ने कहा कि  इसमें कोई संदेह नहीं है कि खुदरा आधार के कारण वित्तपोषण लागत में सुधार होने और गोल्ड और एसएमई ऋण से मुनाफा होने के कारण एनआईएम में सुधार होगा।

First Published - February 14, 2021 | 8:59 PM IST

संबंधित पोस्ट