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कोविड की नई लहर के लिए बैंक तैयार

Last Updated- December 11, 2022 | 10:21 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर से होने वाले संभावित व्यवधान की तैयारियों के आकलन को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रमुखों के साथ बैठक की। सीतारमण ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देवाशीष पांडा के साथ भी महामारी के बाद आर्थिक रिकवरी और सरकारी बैंकों की तैयारियों को लेकर चर्चा की। 
इस वर्चुअल बैठक में सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के कर्जदाताओं द्वारा महामारी से संबंधित कदमों को लागू करने के कदमों की भी समीक्षा की, जो वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने उठाए हैं।

रिजर्व बैंक ने आपातकालीन स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं, सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एमएफआई) को उधारी देने और सू्म लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) तक कर्ज की पहुंच सुधारने सहित कुछ अन्य कदमों की घोषणा की है। केंद्र ने भी कोविड-19 प्रभावित क्षेत्रों के लिए विभिन्न कदमों की घोषणाएं की हैं, जो दूसरी लहर से प्रभावित हुए थे। इसमें कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये की कर्ज गारंटी योजना, 1.5 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस), एमएफआई के माध्यम से 25 लाख लोगों को क्रेडिट गारंटी योजना के तहत कर्ज की सुविधा आदि शामिल है। 
इसीएलजीएल के तहत 4.5 लाख करोड़ रुपये की विस्तारित सीमा में से 64.4 प्रतिशत या 2.9 लाख करोड़ रुपये नवंबर 2021 तक सरकारी व निजी क्षेत्र के बैंकों ने स्वीकृत किए हैं। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘ईसीएलजीएल के कारण 13.5 लाख छोटी इकाइयों को महामारी से राहत मिली, 1.8 लाख करोड़ रुपये के एमएसएमई कर्ज को गैर निष्पादित संपत्ति बनने से बचाया जा सका और इससे करीब 6 करोड़ परिवारों की आजीविका बच सकी।’ 

त्योहारों के मौसम में अक्टूबर 2021 में शुरू क्रेडिट आउटरीच प्रोग्राम के तहत पीएसबी ने कुल 61,268 करोड़ रुपये ऋण जारी किए हैं। 

समीक्षा के दौरान सीतारमण ने बैंकरों से कहा कि खुदरा क्षेत्र में वृद्धि, कुल मिलाकर व्यापक आर्थिक परिस्थितियों में सुधार और उधारी लेने वालों की वित्तीय स्थिति सुधरने के कारण कर्ज की मांग बढऩे की संभावना है। बैंकरों ने कहा कि पीएसबी ने पाया है कि देश में पुनर्भुगतान संस्कृति में सुधार हो रहा है। पीएसबी का प्रदर्शन अच्छा रहा है और उन्होंने महामारी के कारण उपजे तनाव को दूर करने के लिए  विभिन्न नीतिगत कदमों के समर्थन के साथ जरूरी राहत मुहैया कराई है। बैंकरों ने वित्त मंत्री से यह भी कहा कि सरकारी बैंकोंं का पर्याप्त पूंजीकरण हुआ है और वे भविष्य के किसी भी दबाव से निपटने के लिए तैयार हैं।
अभी चल रही कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर ओमीक्रोन बहुत ज्यादा संक्रमण वाली है और इस पर काबू पाने के लिए तमाम राज्यों ने रात का कफ्र्यू और सप्ताहांत लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लगाए हैं। 

इन प्रतिबंधों के कारण भारत की रिकवरी को लेकर चिंता बढ़ी है। गुरुवार को इंडिया रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान जनवरी-मार्च के लिए 40 आधार अंक घटाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया था।  वित्त वर्ष 22 के लिए रेटिंग एजेंसी ने अपना वृद्धि अनुमान 10 आधार अंक कम करके 9.3 प्रतिशत कर दिया था। 

First Published - January 7, 2022 | 11:38 PM IST

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