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बैंकों ने Commercial Real Estate को पिछले साल से 3 गुना ज्यादा दिया कर्ज, क्या है जबरदस्त उछाल की वजह

RBI के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 23 फरवरी, 2024 तक सीआरई पर बकाया ऋण 3.9 लाख करोड़ रुपये था जबकि फरवरी, 2022 को इस मद में बकाया ऋण 2.94 लाख करोड़ रुपये था।

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अभिजित लेले   
Last Updated- March 29, 2024 | 9:39 PM IST

बैंकों की हालिया वित्त वर्ष के 11 महीने अप्रैल, 2023 से फरवरी, 2024 में कमर्शियल रियल इस्टेट (सीआरई) को उधारी करीब तीन गुना बढ़कर 67,485 करोड़ रुपये हो गई जबकि यह बीते वित्त वर्ष की इस अवधि में 23,432 करोड़ रुपये थी। ऑफिस स्पेस की लीज रेंटल में छूट दिए जाने के कारण सीआरई ऋण में प्रमुख तौर पर उछाल आई है।

भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 23 फरवरी, 2024 तक सीआरई पर बकाया ऋण 3.9 लाख करोड़ रुपये था जबकि फरवरी, 2022 को इस मद में बकाया ऋण 2.94 लाख करोड़ रुपये था। लिहाजा बीते दो वर्षों के दौरान करीब एक लाख करोड़ रुपये बढ़ गया है।

अंतरराष्ट्रीय प्रॉपर्टी परामर्श कंपनी एनॉरॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि भारत ऑफिस लीजिंग मार्केट में शानदार प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘इसे प्रमुख तौर पर दो तरह के लीज लेने वालों के कारण बढ़ावा मिला है। एक, भारत का कॉरपोरेट व स्टॉर्ट अप इकोसिस्टम है जो लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहा है। दूसरा, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) हैं जो भारत में अपने बड़े कैंपस स्थापित कर रहे हैं।’

इस महीने के शुरू में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर जारी रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक क्षमता केंद्रों ने ग्रेड ‘ए’ ऑफिस की मांग को जबरदस्त ढंग से उछालने में मदद की है। इस खंड में सूचीबद्ध कंपनियों के प्रदर्शन से कुल लीजिंग गतिविधियों में खासी बढ़त दर्ज हुई।

पुरी ने कहा कि ऑफिस लीजिंग तेजी से आगे बढ़ रही है। डेवलपर ऑफिस स्पेस का निर्माण कर रहे हैं। बैंक दस्तावेज लेकर डेवलपरों को धन मुहैया करवा रहे हैं। इससे सीआरई उधारी में तेजी से उछाल आया है।’

मासिक किराया किरायेदारों से आ रहा है और यह डवलपर से नहीं आ रहा है। बैंक तीन पक्षों से जुड़े एस्क्रो समझौते कर रहे हैं। इस क्रम में बैंक, किराएदार और डेवलपर के बीच समझौता होता है। इस क्रम में किरायेदारों से पहले धन बैंक के पास जाएगा और फिर शेष राशि डेवलपर के पास जाती है।

पुरी ने बताया कि इससे बैंक को इस क्षेत्र के लिए ऋण मुहैया कराना आसान हो गया है। ऐसे ऋण के लिए ब्याज दर आमतौर पर 8-9.5 प्रतिशत के बीच होती है। यह दर डेवलपर के प्रोफाइल पर निर्भर करती है। ज्यादातर डवलपरों की ‘ए’ से ऊपर क्रेडिट रेटिंग है।

कैलेंडर वर्ष 2024 संभवत सर्वश्रेष्ठ वर्ष साबित होने का अनुमान जताया जा रहा है क्योंकि हालिया मांग के 2019 के स्तर से ऊपर जाने का अनुमान है। सार्वजनिक क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैंक लीज रेंटल छूट की उधारी देने में सहज हैं क्योंकि यह सुरक्षित ऋण है। कब्जा प्रमाणपत्र और संबंधित स्थान पर किराएदार के साथ परिसर तैयार है।

First Published : March 29, 2024 | 9:39 PM IST