भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के सीईओ के साथ बैठक में जमा एवं ऋण वृद्धि में लगातार अंतर को उजागर किया था। इसके कुछ ही दिनों बाद दो सरकारी बैंकों- बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र- ने ग्राहकों से जमा रकम जुटाने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की हैं। इस रकम का उपयोग ऋण मांग को पूरा करने में किया जा सकेगा।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) भी जमा मद की रकम बढ़ाने के लिए 7.25 फीसदी ब्याज दर के साथ 444 दिनों की विशेष मॉनसून खुदरा जमा योजना शुरू की तैयारी कर रहा है। एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
बीओबी ने एक बयान में कहा कि ‘बॉब मॉनसून धमाका जमा योजना’ नामक विशेष योजना दो अवधियों के लिए शुरू की गई है। इसके तहत 399 दिनों की जमा पर सालाना 7.25 फीसदी ब्याज और 333 दिनों की जमा पर सालाना 7.15 फीसदी ब्याज की पेशकश की गई है। यह योजना आज से शुरू हो चुकी है जो 3 करोड़ रुपये से कम की खुदरा जमा पर लागू होगी।
बैंक ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को दोनों अवधियों के लिए 0.50 फीसदी अतिरिक्त ब्याज मिलेगा। इसके अलावा, नॉन-कॉलेबल डिपॉजिट पर 0.15 फीसदी अतिरिक्त ब्याज मिलेगा। बीओबी की जमा रकम 30 जून, 2024 तक एक साल पहले के मुकाबले 8.83 फीसदी बढ़कर 13.06 लाख करोड़ रुपये हो गई। हालांकि 28 जून, 2024 तक बीओबी की जमा रकम में वृद्धि उद्योग की 10.64 फीसदी वृद्धि के मुकाबले कम थी।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र भी 10 करोड़ रुपये से कम की जमा के लिए चार अवधियों की विशेष योजना लेकर आया है। इसके तहत 200 दिनों की जमा पर सालाना 6.90 फीसदी, 400 दिनों की जमा पर सालाना 7.1 फीसदी, 666 दिनों की जमा पर सालाना 7.15 फीसदी और 777 दिनों की जमा पर सालाना 7.25 फीसदी ब्याज दर की पेशकश की गई है।
बैंक की वेबसाइट पर यह जानकारी उपलब्ध है। इस बीच एसबीआई ने सीमांत लागत आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) में 5 से 10 आधार अंकों की वृद्धि की है। यह वृद्धि सोमवार से प्रभाव हो चुकी है।