वित्तीय तंत्र से 2,000 रुपये के नोट धीरे-धीरे हटाए जा रहे हैं। इससे सीधा संकेत मिलता है कि बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बड़े मूल्य के नोट पर लेनदेन से जुड़ी निर्भरता कम करना चाहता है। वर्ष 2016 में नोटबंदी के बाद 2,000 रुपये के नोट वित्तीय तंत्र में उतारे गए थे। मार्च 2018 तक 2,000 रुपये के 336.3 करोड़ नोट चलन में थे। आरबीआई द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च 2021 तक यह संख्या कम होकर 245.1 करोड़ रह गई। इस तरह, आरबीआई अब तक 2,000 रुपये के 91.2 करोड़ नोट वापस ले चुका है।
वित्तीय प्रणाली में जितने नोट प्रसार में थे उनमें 2,000 रुपये के नोट की हिस्सेदारी 2 प्रतिशत थी। आबीआई के एक पूर्व डिप्टी गवर्नर ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘फटे-पुराने होने के कारण ये नोट आरबीआई के पास आएं होंगे जिन्हें नष्ट कर दिया गया होगा।