उच्चतम न्यायालय ने करोड़ों रुपये के बैंक कर्ज घोटाला मामले में दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व प्रवर्तकों कपिल वधावन और उनके भाई धीरज वधावन को मिली जमानत बुधवार को रद्द कर दी।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा के पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय और निचली अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए त्रुटि की।
पीठ ने कहा ‘हमें यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि प्रतिवादी आरोपियों के खिलाफ निर्धारित समयसीमा में आरोपपत्र दाखिल किए जाने और उनके द्वारा किए कथित अपराधों पर विशेष अदालत द्वारा उचित समय पर संज्ञान लिए जाने के बाद, प्रतिवादी इस आधार पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 (2) के तहत जमानत के वैधानिक अधिकार का दावा नहीं कर सकते कि अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच अभी चल रही है।’
उसने वधावन बंधुओं को तुरंत हिरासत में लिए जाने का निर्देश दिया। इससे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कपिल वधावन और उसके भाई धीरज को निचली अदालतों द्वारा वैधानिक जमानत दिए जाने का उच्चतम न्यायालय में विरोध किया था।