भारतीय गैर-बैंक कर्जदाता बजाज फाइनैंस (Bajaj Finance) ने वित्त वर्ष 2-24 की पहली तिमाही यानी जून,2023 तिमाही में उम्मीद से कहीं बेहतर परफॉर्मेंस किया है। कंपनी ने बुधवार को फाइलिंग में बताया कि मुनाफे की मुख्य वजह लोन में इजाफा और ग्राहकों की मजबूत तेजी है।
रॉयटर्स के हवाले से Refinitiv डेटा के अनुसार, पहली तिमाही में कंपनी का टैक्स के बाद समेकित लाभ (PAT) 32% से थोड़ा ज्यादा बढ़कर 343.7 करोड़ रुपये हो गया, जो विश्लेषकों के औसत अनुमान 332.4 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
बजाज फाइनैंस ने पहले ही बताया था कि इस तिमाही में उसकी नई लोन बुकिंग में सालाना आधार पर (YoY) 34% की वृद्धि हुई है, जबकि इसकी जमा बुक (deposits book ) में 46% की वृद्धि हुई है, दोनों पिछली तिमाही के मुकाबले ज्यादा बढ़ गए हैं। बजाज फाइनैंस ने 38.4 लाख नए ग्राहक जोड़े, जो किसी भी तिमाही में सबसे ज्यादा है।
बढ़ गई इनकम
शुद्ध ब्याज आय (NII) 26% बढ़कर 839.8 करोड़ रुपये हो गया, जबकि ब्याज आय (interest income ) लगभग 37% बढ़ गई।
कंपनी ने एक इन्वेस्टपर प्रेजेंटेशन में कहा, ‘हमें उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2024 तक NII में क्रमिक नरमी (gradual moderation ) जारी रहेगी।’
इसकी एसेट क्वालिटी में भी सुधार हुआ, कुल लोन के प्रतिशत के रूप में सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) मार्च के अंत में 0.94% से बढ़कर जून के अंत में 0.87% हो गई।
बजाज फाइनैंस का बढ़ा NPA, फायदे की उम्मीद
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बजाज फाइनैंस को उम्मीद है कि लंबी अवधि में उसका सकल एनपीए (gross NPA ) 1.2%-1.4% रहेगा, लेकिन उसने कोई टाइमलाइन नहीं बताई है।
उधारदाताओं के लिए अप्रैल-जून ऐतिहासिक रूप से धीमी अवधि होने के बावजूद, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों यानी NBFC को पिछली तिमाही में मजबूत रफ्तार से इस बार लाभ होने की उम्मीद है।
पिछले हफ्ते एलएंडटी फाइनेंशियल होल्डिंग्स (L&T Financial Holdings ) ने कहा था कि उसका जून-तिमाही का मुनाफा दोगुना हो गया है। श्रीराम फाइनैंस (Shriram Finance ) और एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेज (SBI Cards and Payment Services ) इस सप्ताह के अंत में रिपोर्ट देंगे।
AUM भी हुई 499 अरब रुपये
बजाज फाइनेंस की प्रबंधन के तहत संपत्ति (assets under management- AUM) क्रमिक रूप से 9% बढ़कर 499 अरब रुपये हो गई।
आज इसके शेयर 2.2% नीचे थे। मार्च के अंत में 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद से उनमें लगभग 39% की वृद्धि हुई है, जबकि निफ्टी फाइनैंशियल इंडेक्स उसी चार महीने की अवधि में 7% बढ़ गया है।