हरियाणा विधान सभा चुनाव के नतीजे आने के एक दिन बाद ही राजनीतिक घमासान का केंद्र महाराष्ट्र बन गया जहां नवंबर में विधान सभा चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी पार्टी देश के इस पश्चिमी राज्य में बड़ा जनादेश हासिल करने के लिए काम करेगी।
शिवसेना (यूबीटी) की दिलचस्पी इस बात में है कि आगामी महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव के लिए पार्टी के नेता उद्धव ठाकरे को महा विकास आघाडी (एमवीए) के मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाए। इसके अलावा शिवसेना (यूबीटी) ने हरियाणा विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की हार के लिए इसी पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन इंडिया के सहयोगी दलों को महत्त्व नहीं दिया। इंडिया के अन्य सहयोगी दलों ने भी हरियाणा में हार के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी ने हरियाणा में अन्य दलों को कोई सहयोग नहीं करने दिया।
प्रधानमंत्री ने वर्चुअल तरीके से महाराष्ट्र में 7,600 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न विकास परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी हिंदुओं को जाति के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है लेकिन कांग्रेस के कोई नेता कभी भी मुस्लिम समुदाय की विभिन्न जातियों के बारे में कभी बात नहीं करते हैं। उन्होंने कांग्रेस को एक गैरजिम्मेदार पार्टी ठहराते हुए कहा कि यह ‘नफरत फैलाने वाली फैक्टरी’ है।
हरियाणा के नतीजे आने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी हरियाणा के ‘अप्रत्याशित’चुनाव नतीजे का आकलन कर रही है और यह राज्य के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्र से मिली शिकायतों से निर्वाचन आयोग को अवगत कराएगी।
निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में ‘हरियाणा चुनाव के नतीजों को अस्वीकार्य’ बताने वाले बयान पर कहा कि इस तरह के बयान देश के ‘समृद्ध लोकतांत्रिक इतिहास में पहले नहीं सुने गए’ और यह अभिव्यक्ति की आजादी की वैधानिकता से भी परे हैं।
जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि पार्टी जम्मू क्षेत्र के विधान सभा चुनावों में पार्टी के बेहद खराब प्रदर्शन पर विचार-विमर्श करेगी। कांग्रेस ने जम्मू क्षेत्र की 29 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन केवल एक सीट पर ही पार्टी को जीत मिली।
विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के कई सहयोगी दलों ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी हरियाणा में अति-आत्मविश्वास से भरी थी। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस ने अपने साझेदार दलों को महत्त्व देते हुए एक गठबंधन किया होता तो परिणाम भिन्न हो सकते थे।
राउत ने पत्रकारों से कहा, ‘जहां कांग्रेस कमजोर है, वहां उसने क्षेत्रीय दलों की मदद ली, लेकिन जहां मजबूत है, वहां उन्हें कोई महत्त्व नहीं दिया।’ राउत ने एक बार फिर महा विकास आघाडी (एमवीए) के साझेदार दलों से महाराष्ट्र के आगामी चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की अपील की। उनका यह भी कहना था कि जम्मू कश्मीर में सहयोगी दलों की जीत हुई क्योंकि नैशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला विपक्ष का चेहरा थे।
नैशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष, उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस को हरियाणा में अपनी हार के कारणों का पता लगाने के लिए गहराई से आत्मचिंतन करना चाहिए।
अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से इसकी बहाली की उम्मीद करना ‘मूर्खतापूर्ण’ होगा।
हरियाणा में हार के मुद्दे पर भाकपा के महासचिव डी राजा ने कहा कि कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की जरूरत है और इसे महाराष्ट्र और झारखंड के आगामी विधान सभा चुनाव में इंडिया के सभी साझेदार दलों को साथ लेकर चलने की जरूरत है। आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने भी इंडिया के साझेदार दलों को साथ लेकर न चलने की कांग्रेस की अक्षमता पर सवाल उठाए।
माकपा ने एक बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस आत्मचिंतन करने की जरूरत है और पार्टी ने दावा किया भाजपा बेहद सूक्ष्म स्तर पर जातिगत लामबंदी करने और घातक सांप्रदायिक दुष्प्रचार के चलते जीत हासिल करने में कामयाब रही। विधान सभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिये छह सीटों पर बुधवार को अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। भाजपा ने चुनाव के दौरान संकेत दिया था कि जीत की स्थिति में शीर्ष पद के लिए सैनी ही उसकी पसंद होंगे।
मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले सैनी को राज्य के मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी गई थी। भाजपा राज्य में सरकार बनाने के लिए तैयार है इस बीच तीन निर्दलीय विधायकों, कांग्रेस के बागी राजेश जून और भाजपा के बागी देवेंद्र कादियान और निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल ने पार्टी को अपना समर्थन देने की घोषणा की। सावित्री जिंदल के बेटे और उद्योगपति नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से भाजपा के सांसद हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में आए हरियाणा विधान सभा चुनाव के नतीजों ने इस मिथक को ‘दूर’कर दिया है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का तीसरा कार्यकाल पिछले दो कार्यकालों की तुलना में कमजोर है। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनावों के बाद संसद का केवल एक सत्र (बजट सत्र) हुआ है और कोई गंभीर विरोध नहीं हुआ क्योंकि मुद्दों को बेहद गंभीरता से लिया गया और इसे पारित कर दिया गया।
मंत्री ने कहा, ‘आप मुझसे पार्टी के तीसरी बार सत्ता में आने के बावजूद कमजोर सरकार के बारे में सवाल पूछ रहे हैं। हरियाणा विधान सभा चुनाव के घोषित नतीजों ने उस मिथक को दूर कर दिया है।’
(साथ में एजेंसियां)