विधानसभा चुनाव

Haryana Elections: कभी ‘राजनीति में कमजोर’ कहे जाने वाले नायब सिंह सैनी ने दिखाया अपना दमखम, पार्टी के भरोसे पर उतरे खरे

मंगलवार को सैनी ने साबित किया कि पार्टी ने उन पर भरोसा जताकर गलत नहीं किया था। उनके नेतृत्व में भाजपा ने अपना अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए 48 सीट पर जीत दर्ज की।

Published by
अर्चिस मोहन   
Last Updated- October 08, 2024 | 10:43 PM IST

हरियाणा विधान सभा चुनाव से एक महीना पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता करण कंबोज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें वह पार्टी का टिकट न मिलने से नाराज दिखे और उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से हाथ मिलाने तक से इनकार कर दिया। कुछ लोगों ने कहा कि यह बात साफ है कि सैनी पार्टी में उतने कद्दावर नेता नहीं हैं और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें राज्य में सुनिश्चित हार को देखते हुए बलि का बकरा बनाया है।

मार्च के मध्य में जब लोक सभा चुनाव का मतदान दो माह से कुछ अधिक दूर था (हरियाणा की 10 सीट पर 25 मई को मतदान हुआ), भाजपा के केंद्रीय तृत्व ने पंजाबी समुदाय के मनोहर लाल खट्‌टर को हटाकर अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले सैनी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। उस समय सैनी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष थे और कुरुक्षेत्र से लोक सभा का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

लोक सभा चुनाव में पार्टी ने हरियाणा में 2014 के बाद सबसे बुरा प्रदर्शन किया। वह 10 में से केवल पांच सीट पर जीत सकी और उसके मत प्रतिशत में भी 2019 की तुलना में 12 फीसदी की गिरावट आई। सैनी करनाल सीट से उपचुनाव जीतने में कामयाब रहे जिसे खट्टर ने खाली किया था।

लोक सभा चुनाव के बाद पार्टी ने 54 वर्षीय सैनी को बरकरार रखा और उन्होंने व्यापक पैमाने पर प्रदेश की यात्रा की, कई कल्याण उपायों की घोषणा की और किसानों तथा युवाओं के बीच की नाराजगी कम करने की कोशिश की। उन्होंने अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों के बीच भी पहुंच बनाने की कोशिश की।

मंगलवार को सैनी ने साबित किया कि पार्टी ने उन पर भरोसा जताकर गलत नहीं किया था। उनके नेतृत्व में भाजपा ने अपना अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए 48 सीट पर जीत दर्ज की। यह 2014 के 47 के आंकड़े से भी बेहतर है। वह स्वयं कुरुक्षेत्र में लाडवा सीट से 16,000 से अधिक मतों से जीते और उसे कांग्रेस से छीन लिया। उनकी जीत इसलिए भी उल्लेखनीय है कि उनके आठ मंत्री और विधान सभा अध्यक्ष तक चुनाव हार गए। केवल दो मंत्री चुनाव जीतने में सफल रहे जबकि चार का टिकट काट दिया गया था।

मुख्यमंत्री के रूप में सैनी के कुछ निर्णयों में अग्निवीरों को रोजगार और उद्यमिता के मौके प्रदान करने की एक योजना की घोषणा और 10 अन्य फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने का प्रस्ताव शामिल था जिससे हरियाणा एमएसपी पर 24 फसलों की खरीद करने वाला इकलौता राज्य बन गया है। भाजपा ने 500 रुपये में घरेलू गैस सिलिंडर देने, महिलाओं को 2,100 रुपये मासिक वित्तीय सहायता और युवाओं को दो लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया है। सैनी ने 6 अक्टूबर को कहा था, ‘आठ तारीख को जनता देगी जवाब और ये (कांग्रेस) कहेंगे ईवीएम है खराब।’

भाजपा ने चुनाव के पहले कहा था कि अगर पार्टी सत्ता में वापस आती है तो सैनी मुख्यमंत्री बने रहेंगे हालांकि एक अन्य वरिष्ठ नेता अनिल विज ने भी अपनी दावेदारी पेश की थी। 25 जनवरी, 1970 को अंबाला के मिर्जापुर माजरा गांव में जन्मे सैनी 2014 से 2019 तक खट्‌टर कैबिनेट में मंत्री रहे। वह 2014 में नारायणगढ़ से विधायक बने थे। अक्टूबर 2023 में उन्हें हरियाणा भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। पार्टी ने पिछड़ा वर्ग और गैर जाट समुदायों के बीच पकड़ बनाने के लिए ऐसा किया था।

First Published : October 8, 2024 | 10:43 PM IST