विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: अंतिम चरण के लिए प्रचार समाप्त, भाजपा का बहुत कुछ दांव पर

इस अहम चरण में सात जिलों जम्मू संभाग के जम्मू, उधमपुर, सांबा और कठुआ तथा कश्मीर संभाग के बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा की कुल 40 सीट के लिए मतदान होगा।

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भाषा   
Last Updated- September 29, 2024 | 7:17 PM IST

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तहत तीसरे एवं अंतिम चरण में एक अक्टूबर (मंगलवार) को होने वाले मतदान के लिए गहन प्रचार अभियान रविवार शाम को समाप्त हो गया। इस चरण के प्रचार के दौरान प्रमुख दलों, विशेषकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां)और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)के बीच पाकिस्तान, अनुच्छेद 370, आतंकवाद और आरक्षण सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर देखने को मिला।

इस अहम चरण में सात जिलों जम्मू संभाग के जम्मू, उधमपुर, सांबा और कठुआ तथा कश्मीर संभाग के बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा की कुल 40 सीट के लिए मतदान होगा। इस चरण में पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद (कांग्रेस) और मुजफ्फर बेग सहित 415 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है। पहले दो चरण में मतदान प्रतिशत काफी अच्छा रहा।

पहले चरण में 18 सितंबर को हुए मतदान में 61.38 प्रतिशत और 26 सितंबर को दूसरे चरण में 57.31 प्रतिशत मतदान हुआ था। अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से जम्मू और कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है। चुनाव के नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव प्रचार अभियान का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने गत 10 वर्षों में पार्टी द्वारा की गई पहलों को रेखांकित किया और विपक्ष पर ‘‘दशकों तक अन्याय और ऐतिहासिक भेदभाव’’ करने का आरोप लगाया।

मोदी द्वारा एम.ए.एम. स्टेडियम में आयोजित की गई चुनावी रैली के दौरान की गई टिप्पणी का उद्देश्य भाजपा के पारंपरिक गढ़ में उसके लिए समर्थन बढ़ाना था। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा ‘‘अस्थायी’’ है और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया। भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।

पार्टी ने जम्मू संभाग के चार जिलों में से 18 सीट पर जीत दर्ज की थी और विधानसभा में कुल 25 सीट हासिल करने में सफल रही थी। भाजपा कश्मीर घाटी में अबतक कोई विधानसभा सीट जीतने में असफल रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा सहित वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने सक्रिय रूप से प्रचार अभियान में हिस्सा लिया। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस, नेकां और पीडीपी पर ‘पाकिस्तानी एजेंडा’ चलाने और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

हालांकि , विपक्षी दलों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। कांग्रेस की ओर से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने गहन चुनाव प्रचार किया।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने तथा नेकां के साथ गठबंधन में ‘जन-हितैषी’ सरकार देने का वादा किया। कांग्रेस को 2014 के चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन रहा था। पार्टी को जम्मू संभाग के जिलों से एक भी सीट नहीं मिली थी। इस बार पार्टी को भाजपा के खिलाफ कथित सत्ता विरोधी लहर की वजह से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।

कांग्रेस को हालांकि, उस समय झटका लगा जब रविवार को कठुआ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए खरगे को चक्कर आने लगा, परंतु चिकित्सा देखभाल के बाद उनकी हालत स्थिर है। कांग्रेस अध्यक्ष को उधमपुर में अपनी आखिरी रैली रद्द करनी पड़ी।

पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेकां ने और महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पीडीपी ने बड़े पैमाने पर जनसंपर्क किया। दोनों दलों ने पिछले तीन वर्षों में जम्मू में आतंकवादी घटनाओं में कथित वृद्धि के लिए भाजपा की आलोचना की। उमर अब्दुल्ला ने भाजपा की ओर से पेश विमर्श को चुनौती देते हुए कहा कि विपक्ष पर दोष मढ़कर वह पाकिस्तान को जवाबदेही से मुक्त कर रही है। पीडीपी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में उत्तरी कश्मीर की 15 सीट में से सात सीट जीती थीं, जबकि नेकां और कांग्रेस को क्रमशः तीन और दो सीट मिली थीं।

निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक मतदाताओं के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। चुनाव प्रचार के दौरान निर्दलीय सहित विभिन्न उम्मीदवारों ने पूरे उत्साह से प्रचार किया। प्रचार शाम छह बजे शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गया, जिसके साथ ही मतदान से पूर्व अनिवार्य 48 घंटे सार्वजनिक तौर पर प्रचार नहीं करने की अवधि शुरू हो गई।

अंतिम चरण में जम्मू जिले में सबसे अधिक 109 उम्मीदवार मैदान में हैं, इसके बाद बारामूला में 101, कुपवाड़ा में 59, बांदीपोरा में 42, उधमपुर में 37, कठुआ में 35 और सांबा जिले में 32 उम्मीदवार मैदान में हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उनके शीर्ष नेताओं ने इस चरण के लिए अलग-अलग प्रचार किया है।

राहुल गांधी ने जम्मू शहर और सोपोर में जनसभाओं को संबोधित किया, जो पहले अलगाववाद और उग्रवाद के लिए जाना जाता था। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन और अवामी इत्तेहाद पार्टी के प्रमुख शेख अब्दुल रशीद, जिन्हें इंजीनियर रशीद के नाम से भी जाना जाता है, ने इस चरण में जोरदार चुनाव प्रचार किया। दोनों दल राजनीति के नए क्षेत्रीय खिलाड़ी के तौर पर उभरने की कोशिश कर रहे हैं।

रशीद की पार्टी ने उनके भाई खुर्शीद अहमद को लंगेट से मैदान में उतारा है जबकि लोन की पार्टी दो सीट पर चुनाव लड़ रही है। नये घटनाक्रम में उत्तर कश्मीर के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में जमात-ए-इस्लामी समर्थित उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं जिससे चुनाव रोचक हो गया है।

First Published : September 29, 2024 | 7:17 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)