प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा करेंगे और लोकसभा चुनाव से पहले संभवतः यह उनकी आखिरी विदेशी यात्रा होगी।
अपनी इस यात्रा के दौरान वह 13 फरवरी को अबू धाबी के शेख जायद स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे जो इस यात्रा का सबसे खास कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम को ‘अहलान मोदी’ या ‘वेलकम मोदी’ नाम दिया गया है।
इस कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि उनकी कोशिश यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर 2014 में न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वॉयर गार्डन में भारतीय समुदाय को जितने व्यापक पैमाने पर संबोधित किया था, यह आयोजन उससे भी बड़े पैमाने पर हो।
आयोजन टीम के एक प्रमुख सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘6 जनवरी को पंजीकरण शुरू होने के बाद से लगभग 20,000 लोगों ने पंजीकरण कराया है। यूएई, बहरीन और अन्य खाड़ी देशों में रहने वाले 35 लाख भारतीय लोगों में इस कार्यक्रम में शामिल होने का जोश देखा जा रहा है।’
इस स्टेडियम में करीब 50,000 सीटें हैं। आयोजक अधिक सीटों का इंतजाम करने के लिए स्टेडियम प्रशासन के साथ चर्चा कर रहे हैं ताकि अधिकतम लोग इस कार्यक्रम में भाग ले सकें।
इस कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने बताया, ‘प्रधानमंत्री द्वारा प्रवासियों को संबोधित करने का सबसे बड़ा कार्यक्रम लंदन के वेम्बली स्टेडियम (नवंबर 2015) में हुआ था। हमें उम्मीद है कि ‘अहलान मोदी’ का आयोजन उससे भी बड़ा साबित होगा।‘
इसी यात्रा के दौरान, 14 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी अबु धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन भी करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यूएई यात्रा उनके वर्तमान कार्यकाल की संभवतः आखिरी विदेश यात्रा होगी। करीब पांच साल पहले वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले, प्रधानमंत्री ने 1 जनवरी से मई महीने के बीच केवल एक विदेश यात्रा की थी और वह 21 फरवरी को दक्षिण कोरिया के दौरे पर गए थे।
उनकी सबसे हालिया विदेश यात्रा भी यूएई में हुई जब वह 30 नवंबर से 1 दिसंबर, 2023 तक संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भाग लेने के लिए गए थे। यह आगामी यात्रा वर्ष 2015 के बाद से उनकी सातवीं यूएई यात्रा होगी, जब वह 34 वर्षों में खाड़ी देश की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल जुलाई में भी यूएई का दौरा किया था जिस दौरान दोनों देशों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-दिल्ली) का एक परिसर स्थापित करने के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह संस्थान जनवरी 2024 में अपना पहला स्नातकोत्तर कार्यक्रम शुरू करने वाला था।
कार्यक्रम की आयोजन समिति के एक बयान के मुताबिक 3 जनवरी को अबु धाबी में आयोजित एक कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले 350 से अधिक सामुदायिक नेताओं ने भाग लिया और सैकड़ों स्वयंसेवी समितियों का गठन किया।
आयोजकों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की लगातार हो रही यूएई यात्राओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया है जिसका प्रभाव विभिन्न भारतीय समुदायों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है जिसमें केवल अब कामगार ही नहीं बल्कि अन्य पेशे से जुड़े लोग भी शामिल हैं।
यहां अफ्रीका के साथ व्यापार करने वाले भारतीयों की मौजूदगी अहम है जिनके कार्यालय दुबई में हैं और ये अधिकारी बैंकिंग, पेट्रोकेमिकल और अन्य क्षेत्रों में काम करते हैं।