कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना घोषणापत्र जारी किया जिसके केंद्र में युवा, महिलाएं और किसान हैं। पार्टी ने वादा किया कि यह सरकारी नौकरियों में 30 लाख रिक्त पदों को भरेगी और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में खनन क्षेत्र की हिस्सेदारी दोगुनी कर 5 प्रतिशत करने के साथ ही 1.5 करोड़ रोजगार के मौके तैयार करेगी।
पार्टी ने युवाओं को प्रशिक्षण का अधिकार देने का वादा करते हुए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) में सुधार करने, रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ईएलआई) शुरू करने, गरीबों के लिए शहरी रोजगार योजना शुरू करने, जीडीपी में विनिर्माण की हिस्सेदारी बढ़ाकर 20 फीसदी करने और 10 वर्षों में अर्थव्यवस्था का दायरा दोगुनी करने का वादा भी किया।
आगामी लोक सभा चुनावों के लिए अपने 46 पन्ने वाले घोषणापत्र में पार्टी ने पांच ‘न्याय स्तंभों’ और इनके तहत 25 गारंटी देने की बात की। इसमें किसानों के लिए कानूनी न्यूनतम समर्थन मूल्य और गरीब परिवार की प्रमुख महिला को एक वर्ष में 100,000 रुपये देने का वादा किया गया।
पार्टी ने अपने घोषणापत्र में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने के वादे का जिक्र नहीं किया। पार्टी का घोषणापत्र तैयार करने वाली समिति की अध्यक्षता कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने की थी और उनका कहना था कि इस पड़ाव पर इस मुद्दे पर कोई रुख कायम करना पार्टी के लिए जल्दबाजी होगी क्योंकि केंद्र ने वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है ताकि इसके लिए कोई उपाय किए जाएं।
इस घोषणापत्र को कांग्रेस के मुख्यालय में चिदंबरम, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की उपस्थिति में जारी किया गया। इस घोषणापत्र में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 2.0 और प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) लागू करने का जिक्र भी था। इसके अलावा पार्टी कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तब नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सैन्य बलों के लिए शुरू की गई ‘अग्निपथ योजना’ खत्म कर दी जाएगी।
चिदंबरम ने कहा कि घोषणापत्र का जोर इसकी ‘नव संकल्प आर्थिक नीति’ पर है ताकि रोजगार और संपत्ति तैयार करने के मौके बनाएं जाएं और यह तभी संभव है जब 7.5 प्रतिशत की दर से आर्थिक वृद्धि हो जैसा कि 10 वर्ष के अपने कार्यकाल के दौरान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने कर दिखाया था। राहुल गांधी ने कहा कि चुनावी लड़ाई संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए है।
कांग्रेस के लिए घोषणापत्र बनाने वाली समिति के एक महत्वपूर्ण सदस्य प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि प्रशिक्षण का अधिकार कई अन्य योजनाओं की जगह ले सकता है ऐसे में मनरेगा के तहत श्रमिकों को रोजाना 400 रुपये दिए जाने जैसे वादे और गरीबों के लिए शहरी रोजगार योजना शुरू करने से लागत नहीं बढ़ेगी। पार्टी ने इलेक्टोरल बॉन्ड, राफेल एवं पेगासस जैसे ‘भ्रष्टाचार के मामलों’ की जांच कराने का वादा भी किया है।
पार्टी ने वादा किया है कि देश में उसकी सरकार बनने पर वह जाति आधारित जनगणना कराएगी और आरक्षण की अधिकतम सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाया जाएगा। कांग्रेस ने यह भी कहा है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को सभी वर्गों के गरीबों के लिए बिना भेदभाव के लागू करेगी।
घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि सरकार में आने के बाद नई शिक्षा नीति को लेकर राज्य सरकारों के साथ परामर्श कर इसमें संशोधन किया जाएगा। पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि जो नेता भ्रष्टाचार के मामलों से बचने के लिए भाजपा में शामिल हुए, उनके मामलों को फिर से खोला जाएगा और जांच कराई जाएगी।
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा है कि केंद्र में उसकी सरकार बनने की स्थिति में चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के माध्यम से ही होगा, लेकिन मशीनों की क्षमता एवं मतपत्रों की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी तथा वीवीपैट (वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) पर्चियों का मिलान होगा।