लोकसभा चुनाव

E-shram portal: कामगारों को ई-श्रम से दम, सरकार कल्याणकारी योजनाओं का दिलाएगी लाभ

असंगठित क्षेत्र के कामगारों में कृषि मजदूरों के अलावा घरों में काम करने वाले, निर्माण कार्य से जुड़े मजदूर, गिग एवं प्लेटफॉर्म कामगार आदि शामिल हैं।

Published by
श्रेया नंदी   
शिवा राजौरा   
Last Updated- April 17, 2024 | 9:59 PM IST

सरकार घरों में काम करने वालों, कृषि मजदूरों, रेहड़ी-पटरी वालों जैसे असंगठित क्षेत्र के करोड़ों कामगारों को सशक्त बनाने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत आवास, स्वास्थ्य सेवा, बीमा, पेंशन एवं खाद्यान्न सहायता सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पाने में उनकी मदद की जाएगी।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है और असंगठित क्षेत्र के कामगारों का व्यापक डेटाबेस तैयार कर रहा है। यह डेटाबेस सरकार की पहले से चालू कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों की जानकारी को ई-श्रम पोर्टल पर इकट्ठा कर तैयार किया जा रहा है।

लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिश कर रहे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार के लिए यह बड़ी प्राथमिकता हो सकती है। इससे पूरे भारत के असंगठित कामगारों के डेटाबेस यानी ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत करीब 30 करोड़ कामगारों को सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं को लाभ मिलेगा।

यह डेटाबेस विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के पास मौजूद जानकारी को एक साथ मिलाकर तैयार किया जाएगा। इसमें सभी सरकारी विभाग ई-श्रम पोर्टल पर जाकर अपना डेटाबेस वहां डालेंगे। इस तरह कल्याणकारी तथा सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं तथा कामगारों की जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर आ जाएगी।

अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘सभी मंत्रालयों को अपने दायरे में आने वाले कामगारों की जानकारी पोर्टल पर डालने का ध्यान रखना होगा। सरकार की प्रमुख कल्याणकारी योजनाएं चलाने वाले मंत्रालयों को भी जानकारी पोर्टल पर डालनी होगी। दोनों प्रकार की जानकारी ई-श्रम पोर्टल पर साथ ही होंगी। उदाहरण के लिए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के पास फेरी वालों के आंकड़े होंगे और वित्त मंत्रालय के पास अटल पेंशन योजना से जुड़े आंकड़े होंगे। दोनों प्रकार के आंकड़े ई-श्रम पोर्टल पर एक साथ आ जाएंगे।’

इसके लिए संबंधित मंत्रालयों और सरकारी विभागों के साथ बैठकें पहले ही शुरू हो चुकी हैं। सारी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर आने के बाद कामगार को केवल एक ही फॉर्म भरना होगा, जिसमें वह राशन कार्ड, स्वास्थ्य सेवा, आवास अथवा बीमा जैसी किसी भी योजना का लाभ मांग सकता है। कामगार को फॉर्म में बताना होगा कि उसे किस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।

ई-श्रम पोर्टल का यह डेटाबेस आधार से जुड़ा होगा, इसलिए दोहराव नहीं होगा और लाभार्थियों को फायदे बेहतर तरीके से देने में भी मदद मिलेगी। कामगारों को दिए गए सार्वभौम खाता संख्या (यूएएन) का भी उपयोग किया जाएगा।

फिलहाल ई-श्रम कार्डधारकों की मौत होने पर 2 लाख रुपये और स्थायी रूप से विकलांग होने पर 1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा दिया जाता है। श्रम मंत्रालय ने देश भर के असंगठित कामगारों का डेटाबेस तैयार करने के लिए ई-श्रम पोर्टल अगस्त 2021 में शुरू किया था।

असंगठित क्षेत्र के कामगारों में कृषि मजदूरों के अलावा घरों में काम करने वाले, निर्माण कार्य से जुड़े मजदूर, गिग एवं प्लेटफॉर्म कामगार आदि शामिल हैं। ई-श्रम पोर्टल पर कामगारों का नाम, व्यवसाय, पता, शैक्षिक योग्यता, कौशल का प्रकार जैसा ब्योरा दिया गया है। मार्च 2024 तक इस पोर्टल पर करीब 29.5 करोड़ कामगारों ने पंजीकरण कराया था।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को जारी अपने घोषणा पत्र में वादा किया है कि अगले पांच साल में कामगारों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए ई-श्रम पोर्टल के डेटाबेस का उपयोग किया जाएगा।

भाजपा ने घोषणा पत्र में कहा है, ‘हमने ई-श्रम प्लेटफॉर्म पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों का पंजीकरण किया है। हम ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत ‘श्रमिक बंधु’ तक पहुंचेंगे और उन्हें उन तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करेंगे जिसके लिए वे पात्र हैं।’

First Published : April 17, 2024 | 9:59 PM IST