प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीवान जिले के महाराजगंज में लोकसभा चुनाव के लिए जनसभा को संबोधित किया
Lok Sabha Elections 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर नहीं होते तो पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को आरक्षण नहीं मिलने देते। उन्होंने यह भी कहा कि उनका कोई वारिस नहीं है। उनके पास कोई विरासत या संपत्ति भी नहीं है। देशवासी ही उनके सब कुछ हैं।
बिहार के महाराजगंज में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानामंत्री ने कहा, ‘गरीब से गरीब व्यक्ति भी अपने वारिसों को कुछ देने की इच्छा रखता है। मोदी ऐसा इंसान है, जिसकी कोई विरासत नहीं है। मेरे लिए तो आप ही मेरी विरासत हैं। आप ही मेरे वारिस हैं। मेरा और कोई वारिस नहीं है।’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस बयान के एक दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी आई है, जिसमें केजरीवाल ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाएंगे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उनके बाद प्रधानमंत्री बनेंगे।
पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में रैली को संबोधित करते हुए एससी, एसटी के आरक्षण के सवाल पर प्रधानमंत्री ने दावा किया, ‘नेहरू आरक्षण के खिलाफ थे। उन्होंने तो मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसका विरोध किया था। नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक इस परिवार के जितने प्रधानमंत्री हुए, सबने ओबीसी आरक्षण का विरोध किया।’
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के पास एक ही वोट बैंक आज बचा है और वे उसे खुश करने के लिए एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण धर्म के आधार पर आपसे छीनकर ‘वोट जिहाद’ वालों को देना चाहते हैं। संविधान इसकी इजाजत नहीं देता, इसलिए ये संविधान बदलना चाहते हैं।’
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर यह झूठ फैलाने का आरोप लगाया कि भाजपा यदि फिर भारी बहुमत से सत्ता में आई तो वह संविधान में संशोधन कर आरक्षण समाप्त कर देगी।
उन्होंने कहा, ‘राजग ने पहले दलित बेटे को और फिर हमारे देश की आदिवासी बेटी को संविधान के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद पर बिठाया। हमारी सरकार ही है, जिसने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।’
मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव पर परोक्ष निशाना साधा और कहा, ‘जो लोग चांदी की चम्मच लेकर पैदा होते हैं, उन्हें पता नहीं होता कि मेहनत क्या होती है। मैंने सुना है कि यहां कोई घूम-घूम कर कह रहा है कि चार जून के बाद मोदी ‘बेड रेस्ट’ पर जाएंगे। मैं तो परमात्मा से प्रार्थना करता हूं, मैं तो यही कामना करता हूं कि मोदी तो क्या देश के किसी भी नागरिक के जीवन में ‘बेड रेस्ट’ की नौबत नहीं आनी चाहिए।’
दूसरी ओर, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जमशेदपुर में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आदिवासी विरोधी हैं। उन्होंने आदिवासियों के सबसे बड़े नेता हेमंत सोरेन को जेल में डाल दिया है। सोरेन की पत्नी कल्पना मोदी को झांसी की रानी के रूप में चुनौती पेश कर रही हैं। किसी भी अदालत ने हेमंत सोरेन या अरविंद केजरीवाल को दोषी नहीं पाया है।
उन्होंने कहा कि यदि आप लोग कमल के निशान (भाजपा का चुनाव चिह्न) पर बटन दबाएंगे तो सोरेन जेल में रहेंगे। यह झारखंड और आदिवासी समुदाय के साथ बड़ा धोखा होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर नहीं बुलाया गया, क्योंकि वह आदिवासी थीं। यदि आज आदिवासी चुप रहे तो उनका उत्पीड़न होता रहेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यदि भाजपा 400 सीटों के साथ दोबारा सत्ता में आई तो वह एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण समाप्त कर देगी।