कांग्रेस ने महिलाओं के लिए पांच चुनावी गारंटी अथवा वादों का बुधवार को ऐलान किया। इनमें गरीब परिवार की एक महिला को हर साल 1 लाख रुपये नकद और केंद्र सरकार की नौकरियों में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान शामिल है। पार्टी ने नकद योजना को महालक्ष्मी नाम दिया है।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) के माध्यम से गरीब परिवारों की पहचान की जाएगी और नकद रकम परिवार की सबसे अधिक उम्र की महिला के खाते में भेजी जाएगी।
एक्स पर लिखी पोस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पार्टी की ‘नारी न्याय’ गारंटी देश की महिलाओं के लिए एक नया एजेंडा तय करेगी। पार्टी ने यह भी कहा कि यदि उनकी सरकार बनी तो केंद्र सरकार की नौकरियों में 50 फीसदी पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे।
पाटी के चुनावी घोषणा पत्र बनाने के कार्य से जुड़े एक नेता ने कहा कि ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन (एआईएसएचई) के मुताबिक देश में हर साल पास होने वाले स्नातकों में 54 प्रतिशत महिलाएं होती हैं। पिछले सप्ताह ही कांग्रेस ने केंद्र में खाली पड़े 30 लाख पदों को भरने का ऐलान किया था।
पिछले लोक सभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ‘न्यूनतम आय सहयोग कार्यक्रम’ अथवा न्यूनतम आय योजना अथवा न्याय योजना की घोषणा की थी। न्याय योजना के तहत प्रत्येक गरीब परिवार को प्रत्येक वर्ष 72,000 रुपये नकद देने का ऐलान किया गया था।
महिलाओं के लिए कांग्रेस की तीन अन्य गारंटियों में मिड डे मिल कार्यकर्ताओं, आशाओं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलने वाले मानदेय में केंद्र से दी जाने वाली धनराशि को दोगुना करना, महिलाओं को कानूनी सहायता देने के लिए प्रत्येक पंचायत में कानूनी परामर्शदाता नियुक्त करना शामिल है।
इसके अलावा पार्टी की सरकार बनने पर सावत्री बाई फुले हॉस्टल गारंटी योजना लाई जाएगी, जिसके तहत कामकाजी महिलाओं के लिए कम से कम प्रत्येक जिले में हॉस्टल की संख्या दोगुनी की जाएगी। कांग्रेस, आप और भाजपा शासित राज्यों ने पहले ही महिलाओं के लिए नकद अंतरण की घोषणा की है।