अर्थव्यवस्था

WPI Inflation: अक्टूबर में लगातार सातवें माह शून्य से नीचे आई थोक महंगाई

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक यह लगातार सातवां महीना है जबकि थोक महंगाई दर शून्य से नीचे बनी हुई है।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- November 14, 2023 | 10:48 PM IST

भारत के थोक मू्ल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित महंगाई दर अक्टूबर में 3 महीने के निचले स्तर पर शून्य से 0.52 प्रतिशत नीचे रही है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक यह लगातार सातवां महीना है जबकि थोक महंगाई दर शून्य से नीचे बनी हुई है।

फैक्टरी से निकलने वाले माल की कीमत में अवस्फीति की मुख्य वजह ज्यादा आधार का असर और रसायन एवं रासायनिक उत्पादों, बिजली, परिधान, आधार धातुओं, खाद्य उत्पादों, कागज और कागज के उत्पाद के साथ अन्य चीजों की कीमतों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कमी है।

इसके पहले सितंबर में थोक महंगाई दर -0.26 प्रतिशत और पिछले साल अक्टूबर में 8.67 प्रतिशत थी।

अक्टूबर महीने में खाद्य महंगाई दर घटकर 2.53 प्रतिशत रह गई है, जो इसके पहले महीने में 3.35 प्रतिशत थी। खाद्य की कीमतों में कमी की वजह सब्जियों (-21.04 प्रतिशत), आलू (-29.3 प्रतिशत) की कीमत में कमी है।

हालांकि इस दौरान गेहूं (4.75 प्रतिशत) और दूध (7.92 प्रतिशत) की कीमत में गिरावट आई है, जबकि मोटे अनाज (7.52 प्रतिशत), धान (9.39 प्रतिशत), दलहन (19.43 प्रतिशत), प्याज (62.6 प्रतिशत) और अंडे, मांस व मछली (2.7 प्रतिशत) की कीमत में तेजी आई है।

इसके अलावा आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि विनिर्मित उत्पादों (-1.13 प्रतिशत) की महंगाई दर भी शून्य से नीचे गई है। यह लगातार आठवां महीना है, जब महंगाई दर शून्य से नीचे है। सितंबर में यह -1.34 प्रतिशत थी।

इसकी प्रमुख वजह खाद्य वस्तुओं (-1.65 प्रतिशत), वनस्पति तेल व घी (-17.89 प्रतिशत), टेक्सटाइल (-5.47 प्रतिशत), कागज (-9.1 प्रतिशत), रसायन (-6.84 प्रतिशत), धातुओं (-2.28 प्रतिशत), रबर (-1.32 प्रतिशत) और स्टील (-4.60 प्रतिशत) की कीमत में कमी है।

ईंधन की कीमत की महंगाई दर लगातार छठे महीने शून्य से नीचे -2.47 प्रतिशत रही है। एलपीजी (-4.03 प्रतिशत), हाई स्पीड डीजल (-6.8 प्रतिशत) की महंगाई दर शून्य से नीचे रही। हालांकि पेट्रोल की महंगाई दर में लगातार दूसरे महीने तेजी आई है और यह 3.45 प्रतिशत रहा है।

केयर रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि इस साल की शुरुआत से ही डब्ल्यूटीआई अवस्फीति के क्षेत्र में रहा है, जिसे अनुकूल आधार और जिंसों की कीमत में गिरावट से लाभ मिला। यह धारणा अक्टूबर में भी जारी रही है।

उन्होंने कहा, ‘डब्ल्यूपीआई में अवस्फीति की स्थितिआने वाले महीनों में खत्म हो सकती है क्योंकि धीरे धीरे आधार का असर कम होगा। बहरहाल पूरे साल के लिए डब्ल्यूपीआई महंगाई दर का औसत 1 प्रतिशत से नीचे रहने की संभावना है।’

इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि हालांकि कच्चे तेल सहित वैश्विक जिंसों की कीमत लगातार कम हो रही है, लेकिन आने वाले महीनों में ज्यादातर खाद्य वस्तुओं की कीमत बढ़ेगी और आधार का असर भी प्रतिकूल होगा।

इसके कारण 7 महीनों के बाद नवंबर में डब्ल्यूपीआई 0.1 प्रतिशत रह सकती है। थोक कीमतों में अपस्फीति की स्थिति उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर द्वारा मिली राहत के बीच आई है। अक्टूबर में यह 5 महीने के निचले स्तर 4.87 प्रतिशत पर आ गई थी।

First Published : November 14, 2023 | 10:46 PM IST