चालू वित्त वर्ष के दौरान फरवरी तक प्रत्यक्ष कर संग्रह में 20.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह पूरे साल के लिए 17.24 प्रतिशत वृद्धि दर के संशोधित अनुमान की तुलना में अधिक है।
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि शनिवार 10 फरवरी तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.60 लाख करोड़ रुपये रहा। यह वित्त वर्ष 2023-24 के संशोधित अनुमान 19.45 लाख करोड़ रुपये का 80.23 प्रतिशत है।
इस वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान का लक्ष्य पूरा करने के लिए सरकार को 50 दिन में 3.85 लाख करोड़ रुपये और कर संग्रह की जरूरत है। अग्रिम भुगतान की अंतिम तिथि 15 मार्च होती है और बकाया भी इस महीने में आता है। ऐसे में लगता है कि यह लक्ष्य बड़ी आसानी से हासिल हो जाएगा।
संशोधित अनुमान में कर संग्रह में वृद्धि का जो अनुमान लगाया गया था, उसकी तुलना में कॉर्पोरेशन कर और व्यक्तिगत आयकर दोनों में ही वृद्धि दर्ज की गई है। 10 फरवरी तक कॉर्पोरेशन कर 13.75 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि पूरे साल के लिए वृद्धि का लक्ष्य 11.73 प्रतिशत रखा गया है।
10 फरवरी तक व्यक्तिगत आयकर 27.17 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि संशोधित अनुमान में 22.69 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया था। प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) को छोड़कर व्यक्तिगत आयकर में 10 फरवरी तक 26.91 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
शनिवार तक सरकार ने कुल 2.77 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है। रिफंड को शामिल करके प्रत्यक्ष कर संग्रह 10 फरवरी तक 17.3 प्रतिशत बढ़कर 18.38 लाख करोड़ रुपये रहा है।
रिफंड के पहले कॉर्पोरेशन कर 9.16 प्रतिशत अधिक था, जबकि व्यक्तिगत आयकर 25.93 प्रतिशत बढ़ा है। अगर एसटीटी को निकाल दिया जाए तो व्यक्तिगत आयकर 25.67 प्रतिशत बढ़ा है।