देश की थोक महंगाई दर (WPI) जुलाई 2025 में घटकर (-) 0.58% पर आ गई है। यानी जुलाई 2024 की तुलना में इस बार थोक बाजार में कीमतें औसतन कम रहीं। यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, मिनरल ऑयल, कच्चे पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस और बेसिक मेटल्स की कीमतों में कमी की वजह से आई है। जून के मुकाबले जुलाई में WPI में हल्की बढ़ोतरी हुई है। जून 2025 की तुलना में जुलाई में WPI 0.39% ऊपर रहा।
जुलाई में प्राथमिक वस्तुओं के दाम 1.18% बढ़ गए। इसमें कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कीमत में 2.56%, नॉन-फूड आर्टिकल्स में 2.11% और खाद्य पदार्थों में 0.96% की वृद्धि हुई। हालांकि खनिजों की कीमत 1.08% घट गई।
ईंधन और बिजली के समूह में 1.12% की बढ़त हुई। मिनरल ऑयल 1.98% महंगा हुआ, लेकिन कोयला 0.44% और बिजली 0.36% सस्ती हो गई।
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निर्मित वस्तुओं के समूह में 0.14% की कमी दर्ज हुई। 22 श्रेणियों में से 9 में कीमतें बढ़ीं, 9 में घट गईं और 4 में कोई बदलाव नहीं हुआ। जिन सेक्टर्स में बढ़ोतरी हुई उनमें ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट, फर्नीचर और नॉन-मेटैलिक मिनरल प्रोडक्ट्स शामिल हैं, जबकि बेसिक मेटल्स, मेटल प्रोडक्ट्स, फूड प्रोडक्ट्स और केमिकल्स में गिरावट आई।
जुलाई में WPI फूड इंडेक्स 191.3 रहा, जो जून के 190.2 से ज्यादा है। इसके बावजूद सालाना आधार पर खाद्य महंगाई दर जून के -0.26% से घटकर जुलाई में -2.15% पर आ गई।
मई 2025 के लिए WPI का अंतिम आंकड़ा 153.7 और महंगाई दर 0.13% रही। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) हर महीने WPI के आंकड़े जारी करता है। अगस्त 2025 के आंकड़े 15 सितंबर को जारी किए जाएंगे।