Market This Week: भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के अंतिम ट्रेडिंग सेशन यानी शुक्रवार को हल्की बढ़त के साथ बंद हुए और साप्ताहिक आधार पर हरे निशान में रहे। बैंकिंग शेयरों में तेजी ने बाजार को इस हफ्ते (29 सितंबर-3 अक्टूबर) बढ़त में रहने प्रमुख रूप से सपोर्ट किया। बैंकिंग के शेयरों में यह तेजी रेगुलटरी के कर्ज देने से जुड़े कई सुधारों की घोषणा के चलते आई। साथ ही डॉलर की कमजोरी के चलते मेटल स्टॉक्स में तेजी रही।
निफ्टी 50 (Nifty-50) इंडेक्स शुक्रवार को 0.23 फीसदी की बढ़त लेकर 24,894.25 पर बंद हुआ। जबकि बीएसई सेंसेक्स 0.28 फीसदी चढ़कर 81,207.17 पर पहुंच गया। सप्ताह के दौरान दोनों इंडेक्स में लगभग 1 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इसमें सबसे अधिक योगदान इंडेक्स में भारी भरकम वजन रखने वाले बैंकिंग शेयरों, सरकारी बैंकों और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के शेयरों का रहा।
एक सप्ताह पहले के मुकाबले हैवीवेट बैंकिंग स्टॉक्स में 2.2 फीसदी, सरकारी बैंको के शेयरों में 4.4 प्रतिशत और निजी बैंकों के शेयरों में 2.5 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बुधवार को पूंजी बाजार और बड़ी कंपनियों को ऋण देने के नियमों में ढील देने से सपोर्ट मिला।
मेटल्स में शुक्रवार को 1.8 फीसदी की तेजी आई और इसी के साथ निफ्टी मेटल इंडेक्स रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। साप्ताहिक आधार पर निफ्टी मेटल इंडेक्स में 3.9 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। इसकी वजह कमजोर डॉलर और अक्टूबर में अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें तथा सप्लाई में व्यवधान रहे।वहीं, ब्रॉडर मार्केट में स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स में इस सप्ताह क्रमशः 1.8 फीसदी और 2 प्रतिशत की बढ़त रही।
इसके अलावा टाटा मोटर्स के शेयर में इस सप्ताह 6.4 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। यह लगभग पांच महीनों में शेयर का सबसे अच्छा सप्ताह रहा। यह बढ़त ट्रक और बस यूनिट को पैसेंजर व्हीकल बिज़नेस से अलग करने की रिकॉर्ड डेट तय किए जाने के बाद आई। साथ ही टाटा की लक्ज़री यूनिट जेएलआर के एक महीने की शटडाउन के बाद चरणबद्ध तरीके से उत्पादन फिर से शुरू करने की घोषणा से भी निवेशकों का उत्साह बढ़ा।
वहीं, वि-मार्ट रिटेल (V-Mart Retail) और साई सिल्क्स के शेयर भी इस हफ्ते फोकस में रहे। इनमें वीकली बेसिस पर क्रमशः 16 प्रतिशत और 18.4 फीसदी की तेजी देखी गई, जो मजबूत तिमाही बिज़नेस अपडेट्स के चलते आई।
निवेशकों को इस हफ्ते बाजार में 5.72 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फायदा हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप इस हफ्ते (29 सितंबर-3 अक्टूबर) को बढ़कर 4,57,77,820 करोड़ रुपये हो गया। यह पिछले हफ्ते शुक्रवार (29 सितंबर) को यह 45,205,663 करोड़ रुपये था। इस तरह, बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप साप्ताहिक आधार पर 572,157 करोड़ रुपये बढ़ा है।
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एसबीआई सिक्योरिटीज में टेक्नीकल और डेरिवेटिव रिसर्च प्रमुख सुदीप शाह, ”निफ्टी पूरे दिन के अधिकांश हिस्से में सीमित दायरे (साइडवेज़) में ट्रेड करता रहा और 24,840–24,850 के आसपास मजबूत रेजिस्टेंस का सामना किया। हालांकि, दिन के अंतिम घंटे में इसमें ब्रेकआउट देखने को मिला और इंडेक्स 0.23% की बढ़त के साथ 24,894 पर बंद हुआ। इंडेक्स ने लगातार दूसरे दिन बुलिश कैंडल बनाते हुए ऊपरी स्तर पर क्लोजिंग दी। साथ ही, यह 100-डे ईएमए (24,740–24,750) के ऊपर बंद हुआ, जो दर्शाता है कि यह ज़ोन अब तत्काल सपोर्ट का काम कर रहा है।”
उन्होंने कहा, ”निफ्टी अपने 200-डे ईएमए (24,411) के ऊपर आराम से ट्रेड कर रहा है। लेकिन 20-डे ईएमए (24,914) से रेजिस्टेंस मिल रहा है, जो निकट भविष्य में अपसाइड की रफ्तार को सीमित कर सकता है। इन स्तरों के ऊपर टिके रहना आगे की रिकवरी के लिए ज़रूरी होगा।”
शाह ने कहा, ”आरएसआई (RSI) ओवरसोल्ड ज़ोन के पास से उभरकर लौटा है। लेकिन अभी भी 50 के न्यूट्रल लेवल से थोड़ा नीचे है, जो सतर्क उम्मीद का संकेत देता है और सुधार की संभावना को ज़िंदा रखता है। एमएसीडी (MACD) अब भी नेगेटिव ज़ोन में है, लेकिन हिस्टोग्राम में लाल बार्स की लंबाई घट रही है। इससे संकेत मिलता है कि मंदी की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो रही है और यदि रिकवरी बनी रहती है तो बुलिश क्रॉसओवर भी संभव है।”
उन्होंने कहा, ”टेक्नीकल आउटलुक से देखें तो 24,920–24,950 का ज़ोन फिलहाल निफ्टी के लिए तत्काल रेजिस्टेंस का काम करेगा। यदि इंडेक्स 24,950 के ऊपर निकलता है, तो यह पुलबैक आगे बढ़कर 25,100 तक जा सकता है। वहीं नीचे की ओर 24,800–24,750 का ज़ोन महत्वपूर्ण सपोर्ट रहेगा।”