अर्थव्यवस्था

UP की अर्थव्यवस्था में उछाल: FY25 में निवेश ₹1.63 लाख करोड़ के पार, MSME ने दर्ज की 9.7% की बढ़ोतरी

उत्तर प्रदेश ने 2024-25 में 1.63 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित कर नया रिकॉर्ड बनाया, जिसमें एमएसएमई क्षेत्र 9.7% की दर से बढ़कर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- August 29, 2025 | 11:39 PM IST

उत्तर प्रदेश ने पिछले वित्त वर्ष में 1.6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश आकर्षित किए हैं, जबकि इस दौरान प्रदेश के सूक्ष्म, छोटे व मझोले उद्यमों (एमएसएमई) की विकास दर 9.7 फीसदी रही है। एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद (एमएसएमई ईपीसी) द्वारा शुक्रवार को जारी एक अध्ययन के अनुसार, 2024-25 में राज्य ने 1,63,324 करोड़ रुपये के नए निवेश प्रस्ताव आकर्षित किए हैं, जबकि 2023-24 में यह 1,59,200 करोड़ रुपये था।

एमएसएमई ईपीसी के अध्यक्ष डॉ. डी.एस. रावत ने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 और 2024-25 के बीच, राज्य ने 6,14,049 करोड़ रुपये की परियोजनाएं आकर्षित की हैं। उन्होंने बताया कि ये आँकड़े सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) से लिए गए हैं।

2024-25 में 1,63,323 करोड़ रुपये के निवेश में से, निजी क्षेत्र ने 1,20,455 करोड़ रुपये के प्रस्तावों की घोषणा की है। अध्ययन में बताया गया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा फिनटेक, एआई, एडटेक और डीप-टेक स्टार्टअप्स के लिए प्रमुख केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं, जहां प्रमुख वैश्विक कंपनियां निवेश में रुचि दिखा रही हैं। कारखानों और औद्योगिक रोजगार के मामले में यह राज्य शीर्ष राज्यों में शुमार है। प्रदेश में “2021-22 से 2024-25 के बीच निवेश, विकास और वृद्धि” पर अध्ययन के दूसरे संस्करण को जारी करते हुए, रावत ने कहा, 2021-22 के दौरान, सभी परियोजनाओं के लिए नया निवेश 1,18,625 करोड़ रुपये का था, 2022-23 में 1,72,900 करोड़ रुपये, 2023-24 में कुल प्रस्ताव 1,59,200 करोड़ रुपये और 2024-25 में 1,63,323 करोड़ रुपये के थे।

उन्होंने बताया कि 2024-25 में, 64,634 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव पूरे हो चुके थे और 15,55,855 करोड़ रुपये की परियोजनाएं लंबित थीं। इसलिए, लागत वृद्धि से बचने के लिए, एमएसएमई ईपीसी ने निर्धारित समय-सीमा के भीतर प्रस्तावों को शीघ्रता से पूरा करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति के गठन का सुझाव दिया है। अध्ययन में पाया गया कि 9,34,543 करोड़ रुपये की परियोजनाएँ कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में थीं।

वर्तमान मूल्यों पर उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2023-24 में 25.48 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में लगभग 27.99 लाख करोड़ रुपये हो गया। 2023-24 में, राज्य की जीएसडीपी वृद्धि 11.6 फीसदी रही। इसके साथ ही 2023-24 में विनिर्माण क्षेत्र में 13 फीसदी की वृद्धि, कृषि में 7.3 फीसदी और सेवाओं में 4.9 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है।

पिछले पांच वर्षों में, उत्तर प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र 9.7 फीसदी  की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ा है। रावत ने बताया कि प्रदेश लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं, जो लगभग 1.75 करोड़ लोगों के लिए रोजगार सृजित करती हैं, राज्य के निर्यात में 46% और औद्योगिक उत्पादन में लगभग 60% का योगदान देती हैं।

हालांकि, बड़ी संख्या में एमएसएमई ऐसे भी हैं जो तकनीकी बदलावों, किफायती दरों पर समय पर ऋण न मिलने और कुशल मानव संसाधन की कमी के कारण अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

एमएसएमईईपीसी के अध्यक्ष रावत ने कहा कि राज्य तेजी से विकास कर रहा है, फिर भी कई ऐसे अवसर अभी भी मौजूद हैं जिनका अगर सही तरीके से उपयोग किया जाए तो राज्य की अर्थव्यवस्था को और भी बढ़ावा मिल सकता है। इनमें कृषि प्रसंस्करण, हेरिटेज पर्यटन, हरित अर्थव्यवस्था, लॉजिस्टिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स आदि शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने वाले शीर्ष तीन राज्यों में शामिल है, खासकर आगरा, वाराणसी, लखनऊ, अयोध्या और सारनाथ। यह राज्य उत्तर प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में लगभग 13-14 फीसदी का योगदान देता है।

First Published : August 29, 2025 | 6:02 PM IST