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अमेरिकी ब्याज दर में कटौती से भारत में विदेशी निवेश पर असर पड़ने की संभावना नहीं: DEA

आरबीआई के ब्याज दरों में कटौती शुरू करने के सवाल पर सेठ ने कहा, ‘‘ इस बारे में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को सही समय पर निर्णय लेना है।

Last Updated- September 19, 2024 | 2:40 PM IST
FDI inflow
Representative image

आर्थिक मामलों के सचिव (डीईए) अजय सेठ ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के ब्याज दर में कटौती का भारत में विदेशी निवेश पर कोई खास असर पड़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने वह किया है जो उसे दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए सही लगता है।

हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों में कटौती का फैसला करेगा। सेठ ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ यह भारतीय अर्थव्यवस्था सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है। यह उच्च स्तर से 50 आधार अंकों की कटौती है। मुझे नहीं लगता कि इससे निवेश पर कोई खास असर पड़ेगा। हमें यह देखना होगा कि (अमेरिकी ब्याज दरों का) स्तर कहां हैं। हमें यह भी देखना होगा कि अन्य अर्थव्यवस्थाओं के बाजार किस तरह का व्यवहार करते हैं।’’

गौरतलब है कि ‘अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी’ ने संघीय निधि दर लक्ष्य सीमा को 50 आधार अंक घटाकर 5.25-5.50 प्रतिशत से 4.75-5.00 प्रतिशत करने के पक्ष में मतदान किया, जबकि इससे आधी कटौती की अपेक्षा की गई थी।

आरबीआई के ब्याज दरों में कटौती शुरू करने के सवाल पर सेठ ने कहा, ‘‘ इस बारे में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) को सही समय पर निर्णय लेना है। उनका निर्णय इस बात पर आधारित होगा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए क्या उचित है। आपको कल (अमेरिकी बैंक द्वारा) लिए फैसले के अधिक मायने नहीं निकालने चाहिए।’’

आरबीआई ने मुद्रास्फीति को कम करने के प्रयास में फरवरी 2023 से नीतिगत दर को 6.50 प्रतिशत पर यथावत रखा है।

First Published - September 19, 2024 | 2:40 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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