facebookmetapixel
ITC Hotels ने लॉन्च किया प्रीमियम ब्रांड ‘एपिक कलेक्शन’, पुरी से मिलेगी नई शुरुआतनेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल का पड़ोसी दरभंगा पर कोई प्रभाव नहीं, जनता ने हालात से किया समझौताEditorial: ORS लेबल पर प्रतिबंध के बाद अन्य उत्पादों पर भी पुनर्विचार होना चाहिएनियामकीय व्यवस्था में खामियां: भारत को शक्तियों का पृथक्करण बहाल करना होगाबिहार: PM मोदी ने पेश की सुशासन की तस्वीर, लालटेन के माध्यम से विपक्षी राजद पर कसा तंज80 ही क्यों, 180 साल क्यों न जीएं, अधिकांश समस्याएं हमारे कम मानव जीवनकाल के कारण: दीपिंदर गोयलभारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर दिया जोरपीयूष पांडे: वह महान प्रतिभा जिसके लिए विज्ञापन का मतलब था जादूभारत पश्चिम एशिया से कच्चा तेल खरीद बढ़ाएगा, इराक, सऊदी अरब और UAE से तेल मंगाकर होगी भरपाईBlackstone 6,196.51 करोड़ रुपये के निवेश से फेडरल बैंक में 9.99 फीसदी खरीदेगी हिस्सेदारी

डिजिटल भुगतान में UPI का दबदबा कायम, QR Code से मिल रहा दम : वर्ल्डलाइन इंडिया रिपोर्ट

Last Updated- April 17, 2023 | 11:41 PM IST
UPI in Srilanka and Maldives- श्रीलंका और मालदीव में यूपीआई पेमेंट

देश में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का दबदबा कायम रहा। भारत के प्रमुख भुगतान प्लेटफॉर्म UPI को क्यूआर कोड्स के विस्तार से बढ़ावा मिला। डिजिटल भुगतान के सर्वाधिक प्रमुख चैनल UPI से कैलेंडर साल 2022 (जनवरी से दिसंबर) के दौरान लेन-देन में 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

वर्ल्ड लाइन इंडिया की भारत के डिजिटल भुगतान की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में UPI से लेन-देन की संख्या 74 अरब से अधिक थी और इस 126 लाख करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था। लिहाजा सालाना आधार पर लेन-देन की संख्या में 70 फीसदी का इजाफा हुआ और इस आलोच्य अवधि में लेन-देन की राशि में 54 फीसदी इजाफा हुआ। वित्त वर्ष 23 में UPI से हुए लेन-देन की संख्या 84 अरब थी और 139.09 लाख करोड़ रुपये की राशि का लेन-देन हुआ।

रिपोर्ट के मुताबिक क्यूआर कोड का अधिक इस्तेमाल होने से UPI लेन-देन में इजाफा हुआ- लिहाजा जनवरी, 2022 के 15.2 करोड़ की तुलना में दिसंबर, 2022 में 23.7 करोड़ लेन-देन हुए थे। दिसंबर, 2022 तक भारत क्यूआर कोड की संख्या 49.6 लाख थी जबकि UPI क्यूआर की संख्या 23.794 करोड़ थी।

आंकड़ों के मुताबिक 2022 में P2M (कारोबारी लेन-देन) में लेन-देन की संख्या में 54 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जबकि लेन-देन के मूल्य में 23 फीसदी का इजाफा हुआ था। हालांकि उपभोक्ताओं के बीच UPI का ‘पर्सन-टू-मर्चेंट’ (P2M) और ‘पर्सन-टू-पर्सन’ (P2P) भुगतान के सबसे पसंदीदा तरीके रहे थे। लेन-देन की संख्या के मामले में P2M की मार्केट हिस्सेदारी 40 फीसदी और P2P की 44 मार्केट फीसदी (UPI की कुल हिस्सेदारी 84 फीसदी) थी। हालांकि P2M के मूल्य में UPI की हिस्सेदारी 18 फीसदी थी जबकि डिजिटल भुगतान के मूल्य के संदर्भ में P2P में UPI की हिस्सेदारी 66 फीसदी थी (कुल में UPI की हिस्सेदारी 84 फीसदी थी)।

बहरहाल बैंकों ने क्रेडिट कार्ड अधिक संख्या में जारी किए हैं। इससे दिसंबर, 2022 में क्रेडिट कार्ड का आधार बढ़कर 8.11 करोड़ हो गया और इसमें सालाना आधार पर 18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। हालांकि इस आलोच्य अवधि के दौरन क्रेडिट कार्ड की संख्या 0.2 फीसदी बढ़कर 93.8 करोड़ से बढ़कर 93.94 करोड़ हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 के अंत में क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के उपयोग की कुल संख्या 1.02 अरब हो गई। लेन-देन के संदर्भ में क्रेडिट कार्ड की संख्या 2.76 अरब और इनसे 13.12 लाख करोड़ रुपये का हस्तांतरण हुआ।

RBI ने रुपे क्रेडिट कार्ड को UPI नेटवर्क से लिंक करने की अनुमति दी है। इससे क्रेडिट कार्ड से लेन-देन में 2023 के दौरान खासा इजाफा होने की उम्मीद है। हालांकि डेबिट कार्ड से लेन-देन की संख्या में कमी आई है। इसका कारण यह हो सकता है कि UPI लेन-देन में इजाफा हुआ है।

First Published - April 17, 2023 | 6:51 PM IST

संबंधित पोस्ट