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UPI Payments: अब विदेशी टूरिस्ट भी UPI से कर सकेंगे पेमेंट, शर्तों के साथ RBI ने दी मंजूरी

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भाषा
Last Updated- February 08, 2023 | 3:14 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को G20 देशों से चुनिंदा हवाई अड्डों पर आने वाले यात्रियों को भुगतान के लिए UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का फैसला किया। RBI ने कहा कि बाद में UPI के जरिये भुगतान सुविधा का लाभ यहां आने वाले सभी देशों के यात्रियों को मिलेगा।

UPI एक भुगतान मंच है जिसके जरिये हम मोबाइल ऐप के माध्यम से कहीं से भी कभी भी अपने बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में पैसा भेज और मंगा सकते हैं। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू की जानकारी देते हुए कहा, ‘UPI देश में खुदरा डिजिटल भुगतान के लिये काफी लोकप्रिय बन गया है। इसको देखते हुए अब भारत आने वाले सभी यात्रियों को देश में रहने के दौरान कारोबारियों (पी2एम) को भुगतान के लिये इसके उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव है।’

उन्होंने कहा कि इस सुविधा की शुरुआत चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आने वाले G20 देशों के यात्रियों से होगी। भारत ने एक दिसंबर, 2022 को G20 की अध्यक्षता संभाली। G20 दुनिया के विकसित और विकासशील देशों का मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।

UPI के जरिये भुगतान जनवरी में मासिक आधार 1.3 फीसदी बढ़कर करीब 13 लाख करोड़ रुपये रहा है। दास ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक 12 शहरों में क्यूआर कोड आधारित ‘कॉइन वेंडिंग मशीन (QR based coin vending machine) को लेकर पायलट परियोजना शुरू करेगा। ये वेंडिंग मशीनें UPI का उपयोग करके बैंक ग्राहकों के खाते से पैसे काटकर सिक्के उपलब्ध कराएंगी। अभी जो मशीनें हैं, उसमें बैंक नोट डालकर सिक्के निकाले जाते हैं।

उन्होंने कहा कि पायलट परियोजना से मिली सीख के आधार पर इन मशीनों के जरिये सिक्के के वितरण को लेकर बैंकों के लिये दिशानिर्देश जारी किया जाएगा। इस कदम से सिक्के की उपलब्धता बढ़ेगी। RBI गवर्नर ने यह भी कहा कि कर्ज पर जुर्माने को लेकर बैंकों की अलग-अलग नीतियां हैं। इस मामले में पारदर्शिता लाने और ग्राहकों के हितों के संरक्षण को लेकर जुर्माना लगाये जाने के बारे में विभिन्न पक्षों से राय लेने को लेकर दिशानिर्देश का मसौदा जारी किया जाएगा।

मौजूदा व्यवस्था के तहत नियमित इकाइयों यानी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिये जरूरी है कि कर्ज को लेकर जुर्माना लगाने को लेकर नीतियां हों। हालांकि, ये इकाइयां ऐसे शुल्क को लेकर अलग-अलग गतिविधियां अपनाती हैं। दास ने कहा कि कुछ मामलों में शुल्क काफी ज्यादा होता है। इससे ग्राहकों की शिकायतें आती हैं और विवाद बढ़ता है।

First Published : February 8, 2023 | 3:14 PM IST