उत्तर भारत में खासतौर पर बेमौसम बारिश के कारण गर्मी में टिकाऊ उपभोक्ता सामान और शीतल पेय की बिक्री प्रभावित हुई है। उद्योग के दिग्गजों के मुताबिक कुछ टिकाऊ उपभोक्ता निर्माताओं और खुदरा क्षेत्र की बिक्री बढ़ी है लेकिन यह आशा के अनुरूप नहीं है।
टिकाऊ उपभोक्ता सामान के नामचीन खुदरा कारोबारी विजय सेल्स के प्रबंध निदेशक निलेश गुप्ता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया,‘मार्च – जून की अवधि में एसी और फ्रिज की बिक्री में 15 फीसदी की गिरावट आई है।’ हालांकि जून के अंत में मॉनसून आने से कुछ बिक्री बढ़ने की उम्मीद थी। बीते साल कोविड महामारी के दो साल के बाद उपभोक्ता खरीदारी करने निकले थे। दूसरा, इस बार गर्मी की शुरुआत में ज्यादा मांग का अनुमान था लेकिन उत्तर भारत में मांग कम होने का प्रतिकूल असर पड़ा।
डाइकिन के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी कंवलजीत जावा के मुताबिक, ‘हमें इस मौसम में 15-20 फीसदी वृद्धि की उम्मीद थी लेकिन ऐसा गर्मियों में हो नहीं पाया। हमने टिकाऊ उपभोक्ता सामान में 7-8 फीसदी की वृद्धि देखी। हमारी टीयर-3 और टीयर-4 शहरों में मार्केट हिस्सेदारी बढ़ी। हमने कई छूटों की पेशकश की थी जिससे वृद्धि में बढ़ावा मिला।’
गोदरेज एप्लायंस ने पहले ही बताया था कि मांग कम होने के कारण इंवेंटरी ज्यादा हो गई थीं और उसे जून में उत्पादन कम करना पड़ा था। टिकाऊ उपभोक्ता सामन की कंपनियां गर्मी के मौसम की अंत की मांग को पूरा करने के लिए जनवरी-मार्च तिमाही से ही स्टॉक बढ़ाना शुरू कर देती हैं।
हैवेल्स इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक अनिल रॉय गुप्ता ने मार्च तिमाही के अंत में निवेशकों को पहले ही बता दिया था, ‘इस बार गर्मी देर से आ रही है। इससे गर्मी में बिकने वाले उत्पादों पर प्रभाव पड़ सकता है।’
शीतल पेय की बिक्री भी प्रभावित हुई है। गर्मियों में साल भर की करीब 50-60 फीसदी बिक्री होती है। रिटेल इंटेलीजेंस फर्म बिजोम के अनुसार अप्रैल और मई में शीतल पेय की बिक्री पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा जो आमतौर पर मुख्य मौसम होता है। अप्रैल में शीतल पेय की बिक्री 26.2 फीसदी और मई में 29.4 फीसदी कम हुई।
रसना के चेयरमैन पिरुज खंबाटा ने बताया कि आंशिक तौर पर मांग कम रही थी। लेकिन हम मौसम के अंत में मूल्य और मात्रा के संबंध में सकारात्मक रहे। अभी भी मौसम जारी है क्योंकि गर्मी बढ़ रही है।