अर्थव्यवस्था

Union Budget 2023: बजट के बाद रेलवे शेयरों में सुधार की आस

Published by
हर्षिता सिंह
Last Updated- December 12, 2022 | 10:43 AM IST

रेलवे क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में जल्द ही गिरावट के आसार दिख रहे हैं, जिसका कारण निवेशकों द्वारा की जा रही मुनाफावसूली है। हालांकि विश्लेषकों ने बताया कि बजट की घोषणाओं के बाद शेयरों में समय के साथ सुधार होता रहेगा।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के प्रमुख और रेल विकास निगम (आरवीएनएल) और इरकॉन इंटरनैशनल पर नजर रखने वाले दीपक जसानी ने कहा कि इस क्षेत्र में सभी की निगाहें केंद्रीय बजट पर टिकी हुई है, जो अभी भी दो महीने दूर है। यह उम्मीद है कि बजट की घोषणा होने तक धीरे-धीरे सुधार जारी रहेगा। हर गिरावट पर कुछ खरीदारी होने की संभावना है और अगर निवेशकों ने पहले से खरीदारी नहीं की है तो वह तब तक मुनाफावसूली कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में संस्थागत निवेश की कमी है, जो आमतौर पर उच्च मूल्य स्तर बनाए रखने के लिए आवश्यक है। इसलिए, बजट 2023-24 के बाद समय में सुधार की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। शेयर बाजार में आरवीएनएल, टेक्समैको रेल ऐंड इंजीनियरिंग, रेल इंडिया टेक्निकल ऐंड इकनॉमिक सर्विस, इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉरपोरेशन, टीटागढ़ वैगन्स, इरकॉन इंटरनैशनल और रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया जैसी कंपनियों ने पिछले साल की तुलना में 123 फीसदी तक की छलांग लगाई है। इसका कारण हाल के वर्षों में उचित मूल्यांकन, उच्च लाभांश और सरकार के बढ़ते पूंजीगत व्यय द्वारा संचालन बताया जा रहा है।

सैमको सिक्योरिटीज में बाजार रणनीति के प्रमुख अपूर्व शेठ ने कहा कि इस क्षेत्र में उछाल आकर्षित मूल्यांकन के बाद आई है, जिसमें अधिकांश शेयर 3-4 फीसदी के मजबूत लाभांश प्रतिफल के साथ 10 के पीई गुणक के नीचे कारोबार कर रहे हैं। रक्षा शेयरों में मजबूत उछाल के बाद, रेल क्षेत्र में भी मजबूती आई है, जिसका कारण सरकार द्वारा इस क्षेत्र के लिए अधिक खर्च है।

भारतीय रेलवे ने 2022-23 में केंद्र सरकार की पूंजीगत व्यय की घोषणाओं का नेतृत्व किया, जो मूल्यांकन के अनुसार कुल परियोजनाओं की 38 फीसदी थी। निर्मल बांग के विश्लेषकों ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा कि यह 2019-20 के बजट के समान था, जिसमें केंद्र ने रेलवे के लिए 43 फीसदी पूंजीगत व्यय निर्धारित किया था।

आगामी बजट में, रेलवे ने कथित तौर पर बजट 2022-23 के दौरान निर्धारित 1.37 लाख करोड़ से अधिक, 1.5-1.8 लाख करोड़ का सकल बजटीय समर्थन मांगा है। रिपोर्टों के अनुसार, इस बार के बजट में लगभग 300-400 नई वंदे भारत ट्रेनों के शुरू करने की घोषणा हो सकती है। इसके साथ ही यह बजट आवंटन अब तक का सबसे अधिक हो सकता है।

आवंटन का कुछ हिस्सा नई रेल लाइनों को भी बिछाने के लिए भी किया जा सकता है, क्योंकि रेलवे की योजना आने वाले 20-25 वर्षों में 100,000 किलोमीटर की नई रेल लाइन बिछाने की है। विश्लेषकों ने कहा कि इन योजनाओं से रेलवे आपूर्तिकर्ताओं और इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण कंपनियों को भारी ऑर्डर मिलेगा। शेठ ने कहा कि रेलवे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) का आकर्षण धीरे-धीरे फीका पड़ रहा है, और इससे शेयरों में धीरे-धीरे और गिरावट आ सकती है।

First Published : December 12, 2022 | 10:38 AM IST